Punjab News: 1999 में सियालकोट से जालंधर आया था हंसराज का परिवार, अब CAA ने कुछ ही महीने में बनाया भारतीय
25 साल पहले सियालकोट से जालंधर आए हंसराज को अब नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) के तहत नागरिकता मिली है। अब उन्हें वीजा की मियाद बढ़ाने के लिए भटकने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। हंसराज सहित उनके परिवार के 9 लोगों को भारत की नागरिकता मिल गई है। अब वो भारत सरकार की योजनाओं का भी लाभ ले सकेंगे।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) ने पाकिस्तान से आए हंसराज को रिफ्यूजी से भारतीय बना दिया है। अब हंसराज भारत सरकार की तमाम स्कीमों एवं योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। सबसे बड़ी बात है कि अब उन्हें अपना वीजा एक्सटेंड करने के लिए सरकारी कार्यालयों में धक्के भी नहीं खाने पड़ेंगे।
परिवार सहित 1999 में भारत आए थे हंसराज
वर्ष 1999 में टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान के सियालकोट से जालंधर आए हंसराज बीते 25 वर्ष में कई बार भारतीय नागरिकता लेने के लिए आवेदन कर चुके थे। हर बार उनका आवेदन फाइलों में दफन होता चला गया। आखिरकार भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लाने की घोषणा की।
इसके बारे में जानकारी मिलने पर हंसराज ने इस बार फाइल नहीं बनाई, बल्कि ऑनलाइन ही आवेदन किया। पोर्टल पर बताए गए दस्तावेज अपलोड किए और आखिरकार सोमवार को चंडीगढ़ में हंसराज को भारतीय नागरिकता का सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
उनके साथ मां सरगो देवी, बहन वीरो देवी, भाई कृष्ण लाल तथा भाभी प्रवीला देवी समेत कुल नौ रिफ्यूजी को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई।
हंसराज को अब नहीं करानी पड़ेगी वीजा एक्सटेंशन
सर्जिकल औजार बनाने वाले हंसराज ने बताया कि वीजा एक्सटेंड करने की प्रक्रिया इतनी लंबी और जटिल थी कि उसमें ही छह महीने से भी ज्यादा समय लग जाता था। जब तक प्रक्रिया पूरी होती थी, अगली एक्सटेंशन का काम शुरू हो जाता था।हंसराज को हर बार गवाह लाने पड़ते थे और थानों के चक्कर काटने पड़ते थे। उनके ऊपर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है, इसे साबित करने में ही परेशान होना पड़ता था। अब भारतीय नागरिकता मिलने के बाद इन सबसे निजात मिल गई है।यह भी पढ़ें- विभाजन का दर्द: 77 साल बाद भी बंटवारे को याद नम हो जाती हैं जगतार सिंह की आंखे, लाहौर से आए थे ग्वालियर
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