इतिहासकार व साहित्यकार दीपक जालंधरी का निधन, शाम 4 बजे किशनपुरा श्मशान घाट में होगा अंतिम संस्कार
जालंधर में प्रसिद्ध साहित्यकार व इतिहासकार दीपक जालंधर की आज सुबह निधन हो गया। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से साहित्य जगत के साथ-साथ धार्मिक तथा सामाजिक संस्थाओं में शोक की लहर है।
By Vinay KumarEdited By: Updated: Sun, 28 Aug 2022 10:35 AM (IST)
जागरण संवाददाता, जालंधर। विभाजन के बाद से लेकर विकसित होते जालंधर की तस्वीर को शब्दों के माध्यम से अपनी किताबों में बयां करने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार तथा इतिहासकार दीपक जालंधरी का निधन हो गया है। उन्होंने रविवार को सुबह 9 बजे अंतिम सांस ली। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से साहित्य जगत के साथ-साथ धार्मिक तथा सामाजिक संस्थाओं में शोक की लहर है।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के करीबी रहे तथा साहित्य जगत से लंबे समय से जुड़े रहे दीपक जालंधरी ने जालंधर की नहीं बल्कि देश के इतिहास पर भी कई किताबें लिखी। दीपक जालंधरी के साथ लंबे समय तक रहे जालंधर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष सुरेंद्र सैनी बताते हैं कि जालंधर के प्रति दीपक जालंधरी का दर्द उनकी किताबों में झलकता है। वह बताते हैं कि कई बार दीपक जालंधरी ने व्यंगात्मक तरीके से सरकार से जालंधर तथा पंजाब के विकास को लेकर आवाज भी बुलंद की।
शहर में होने वाले विभिन्न धार्मिक सामाजिक तथा साहित्य आयोजनों में दीपक जालंधरी की भूमिका सदैव सशक्त रही। उनका अंतिम संस्कार किशनपुरा श्मशानघाट में रविवार को शाम 4 बजे किया जाएगा। दीपक जालंधरी के निधन पर विधायक बावा हेनरी, विधायक रमन अरोड़ा, शीतल अंगुराल, श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी के महासचिव राजेश विज, प्राचीन शिव मंदिर दोमोरिया पुल के अध्यक्ष यादव खोसला सहित कई गणमान्य ने शोक व्यक्त किया।
लापता भाई को ढूंढने की लगाई गुहार
जालंधर : मोहल्ला रायपुर सब्जी मंडी के पास रहने वाले दर्शन लाल कपूर ने थाना डिवीजन नंबर-दो की पुलिस से लापता हुए भाई को ढूंढने की गुहार लगाई है। पुलिस को दी शिकायत में दर्शन लाल कपूर ने बताया कि उसका भाई केवल कृष्ण कपूर, जो गुरुनानक नगर में रह रहा है, 26 तारीख को घर से गया लेकिन वापस नहीं आया। उसने बताया कि उसका भाई रिश्तेदारों के घर भी नहीं गया। उसने मांग की कि उसके भाई को वापस लाया जाए।
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