अंग्रेजों के जमाने का पावर प्लांट पूरे अमृतसर को देता था बिजली, मशीनरी बनेगी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र
अमृतसर में हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट को टूरिस्ट स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट के सुंदर्यीकरण पर 6.67 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ताकि टूरिस्टों को पता चल सके कि पुराने समय के दौरान किस तरह बिजली पैदा कर शहर में इसकी सप्लाई दी जाती थी।
By Vinay KumarEdited By: Updated: Tue, 24 Aug 2021 02:52 PM (IST)
जागरण संवाददाता, अमृतसर। अमृतसर में तारां वाला पुल के साथ अंग्रेजों के समय में तैयार किए गए हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट को अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में टूरिस्ट स्पाट के तौर पर विकसित किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट के सुंदरीकरण पर 6.67 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। टूरिस्टों को पता चलेगा कि पुराने समय में किस तरह बिजली पैदा कर शहर में इसकी सप्लाई दी जाती थी। इस प्रोजेक्ट का नाम अपर बारी दोआब कनाल (यूबीडीसी) है। स्मार्ट सिटी के सीईओ एमएस जग्गी ने बताया कि टेंडर लग चुके हैं और जल्द ही इस पर काम शुरु हो जाएगा ताकि इसे जल्द आम लोगों व बाहर से आने वाले टूरिस्ट के लिए खोल जा सके।
यह बनेगा इस प्रोजेक्ट में
पूरे प्रोजेक्ट को बहुत ही अच्छे तरीके से डिजाइन किया जा रहा है। ताकि बाहर से आने वाले लोग यहां पर घूम सकें और स्थानीय लोग भी सैर करने के अलावा पिकनिक आदि भी मना सकें। इसके लिए यहां पर वाहनों की पार्किंग बनाई जानी है। इसके साथ सैर करने के लिए बकायदा ट्रैक बनाया जाएगा। यहां पर आने वाले टूरिस्टों के रिफ्रेशमेंट के लिए फूड शाप भी बनाई जाएंगी। जोकि दुकानों और खोखे आदि रहेंगे। बच्चों के खेलनें के लिए पार्क को डेवलप किया जाए। जिसमें झूले आदि लगाएं जाएंगे। इसके साथ ही ओपन जिम भी बनाए जाने की योजना है। इसके अलावा रास्तों पर फूलों की क्यारियां बनाई जाएंगी। फूलों के सुंदर बगीचे को डेवलप किया जाएगा।
पुरानी मशीनरी रहेगी आकर्षण का केंद्रयूबीडीसी में लगी पुरानी मशीनरी आकर्षण का केंद्र रहेगी। जिसमें दर्शाया जाएगा कि किस तरह अंग्रेजो के समय में इन्हीं मशीनों के जरिए बिजली पैदा कर वाल सिटी को सप्लाई की जाती थी। बिजली पैदा करने का एक मात्र स्त्रोत उस समय पानी हुआ करता था। तारा वाला पुल नहर से यूबीडीसी को पानी सप्लाई होता था और वहां पर बिजली पैदा की जाती थी।
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