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कौन हैं अंकुरजीत सिंह? किताबें पढ़कर नहीं सुनकर बने IAS अधिकारी; पंजाब में मिली बड़ी जिम्मेदारी

अंकुरजीत सिंह को आज हरकोई गूगल पर सर्च कर रहा है। दरअसल अंकुरजीत को पंजाब अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (पुडा) का मुख्य प्रशासक नियुक्त किया गया है। खास बात ये ही कि अंकुरजीत सिंह बचपन से ही दृष्टि बाधित हैं और उन्होंने किताबें पढ़कर नहीं बल्कि सुनकर इतिहास रच दिया है। हालांकि वह बचपन में देख पाते थे लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों की रोशनी चली गई।

By Jagjit Singh Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Wed, 25 Sep 2024 07:39 PM (IST)
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IAS अंकुरजीत सिंह का निगम में पद संभालने के दो घंटे बाद ही तबादला

जागरण संवाददाता, जालंधर। नगर निगम के एडीशनल कमिश्नर का चार्ज संभालने के दो घंटे बाद ही दृष्टि बाधित आईएएस अधिकारी अंकुरजीत सिंह का तबादला हो गया है। उन्हें पंजाब अर्बन डेवलपमेंट अथारिटी (पुडा) का मुख्य प्रशासक नियुक्त किया गया है। 

इससे पहले वह पठानकोट में एडीसी थे और नगर निगम के कमिश्नर का कार्यभार भी संभाल रहे थे। उन्होंने बुधवार सुबह ही एडीशनल कमिश्नर का चार्ज संभाला था, लेकिन दो घंटे बाद ही उनके तबादले की खबर आ गई। अंकुरजीत सिंह बचपन में देख पाते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आखों की रोशनी चली गई। इसके बावजूद उन्होंने बी टेक किया और उसके बाद यूपीएससी की तैयारी की और सफल रहे।

अंकुरजीत सिंह के नगर निगम में तैनाती की काफी चर्चा हो रही थी। बुधवार को उन्होंने करीब 11.30 बजे पद संभाला। कुछ अधिकारियों से निगम के काम काज पर चर्चा व कुछ समाज सेवकों से मुलाकात भी की। इसके बाद वह करीब 12.30 बजे किसी मीटिंग में शामिल होने के लिए चल गए। 1.30 बजे सरकार की एक और ट्रांसफर लिस्ट आ गई। इसमें उनका भी नाम था। नगर निगम में एडीशनल कमिश्नर के पद पर अभी किसी की तैनाती नहीं की गई है।

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2017 में UPSC में हासिल किया 414 रैंक

अंकुरजीत ने अपने दोस्तों को देखा-देखी यूपीएससी की पढ़ाई शुरू की थी। उस समय वे भी नहीं जानते थे कि वे पेपर निकाल लेंगे। साल 2027 में उन्होंने यूपीएससी में 414वीं रैंक हासिल किया था।

मां सुनाकर पढ़ाती थी किताबें

जानकारी के मुताबिक, अंकुरजीत ने दसवीं तक की पढ़ाई गांव के ही एक सरकारी स्कूल से की थी। उनकी पढ़ाई में उनकी मां का सबसे अहम रोल है। वह अंकुर को सभी किताबें सुनाकर पढ़ाती थी। अंकुरजीत जब 12वीं के बाद आईआईटी फॉर्म भरा और उनका एडमिशन आईआईटी रुढ़की में हो गया था। वहां से अंकुर ने बीटेक की।