मकसूदां ब्लास्ट से जुड़े हो सकते हैं अमृतसर धमाकों के तार, हैंड ग्रेनेड का रहस्य गहराया
अमृतसर में हुए धमाकों के तार कहीं कुख्यात कश्मीरी आतंकी जाकिर मूसा और जालंधर के मकसूदां थाने में हुए धमाकों से तो नहीं जुड़ें हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 20 Nov 2018 12:14 AM (IST)
जालंधर, जागरण स्पेशल। अमृतसर में हुए धमाकों के तार कहीं कुख्यात कश्मीरी आतंकी जाकिर मूसा और जालंधर के मकसूदां थाने में हुए धमाकों से तो नहीं जुड़ें हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां जांच के इस एंगल को नजरअंदाज नहीं कर सकती हैं क्योंकि मूसा ने पंजाब में आतंक फैलाने के लिए 24 हैंड ग्रेनेड भेजे हैं। इसका खुलासा मकसूदां मामले में जालंधर से गिरफ्तार कश्मीरी स्टूडेंट्स शाहिद कयूम और फैजल बशीर से पूछताछ में हुआ था। मकसूदां थाने में चार हैंड ग्रेनेड फेंके गए थे। बाकी 20 हैंड ग्रेनेड कहां हैं, यह अब भी पुलिस के लिए रहस्य है। ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं कर सकते कि कहीं इसी खेप के ग्रेनेडों का इस्तेमाल अमृतसर में तो नहीं हुआ है।
मकसूदां ब्लास्ट मकसूदां ब्लास्ट से जुड़े कश्मीरी आतंकवादियों की जानकारी जुटाने के लिए जालंधर का दौरा कर चुके जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने दावा किया है कि जो ग्रेनेड मकसूदां में इस्तेमाल किए गए थे, उन्हें आतंकी छोटा ग्रेनेड कहते हैं। आतंकी इनका छोटा धमाका कर बड़ी सुर्खियां बटोरने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं। ये ग्रेनेड इकट्ठे 24 की चाइनीज पैकिंग में आते हैं। इसलिए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अमृतसर में फेंके गए हैंड ग्रेनेड मूसा के भेजे बचे 20 ग्रेनेड में से हों।
कयूम और फैजल को पता है राज!
कयूम और फैजल को गिरफ्तार करने के बाद से जालंधर पुलिस लगातार उनसे पूछताछ कर रही है कि बाकी ग्रेनेड आखिर कहां गए। पुलिस फिलहाल दोनों से कुछ भी उगलवा पाने में नाकाम रही है। रविवार को भी दोनों आरोपितों से जालंधर पुलिस की पूछताछ जारी रही। पुलिस ने दोनों आरोपितों से मूसा और ग्रेनेड से संबंधित दो दर्जन से अधिक सवाल के जवाब एक दूसरे से अलग अलग बिठा कर हासिल किए। जवाब में दोनों ने अलग अलग कहानियां सुनाई फिर उन्हीं सवालों को दोनों आरोपितो को आमने-सामने बिठा कर दोबारा पूछा गया। पुलिस को यकीन है कि दोनों शातिर कुछ न कुछ तो ऐसा छिपा रहे हैं, जिनका संबंध बाकी ग्रेनेड से है।एनआईए भी कर चुकी है पूछताछ
इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) भी दिल्ली से जालंधर आकर दोनों आरोपितों से पूछताछ कर चुकी है। एजेंसी अब जालंधर पुलिस की पूछताछ पर पल-पल की नजर रखे हुए है। पुलिस को उम्मीद है कि दोनों आरोपितों से बाकी ग्रेनेड के बारे में कोई न कोई सुराग जरूर हासिल होगा।
गिरफ्तार किए गए थे दो छात्र 4 सितंबर को मकसूदां थाने में ब्लास्ट के मामले में पुलिस ने जालंधर के सेंट सोल्जर कालेज में सिविल इंजीनियरिंग कर रहे दो छात्रों 22 वर्षीय शाहिद कयूम और 23 वर्षीय फाजिल बशीर को गिरफ्तार किया था। उनके दो साथी रउफ अहमद उर्फ रउफ और मीर उमर रमजान उर्फ गाजी फरार हैं। जांच में सामने आया था कि कयूम और बशीर करीब दो साल से जालंधर में पढ़ रहे थे। मकसूदां में ही दोनों एक पीजी में रहते थे। दोनों आंतकी संगठन अंसार-गजावत-उल-हिंद के सरगना जाकिर रशीद भट्ट उर्फ जाकिर मूसा के साथी हैं। मूसा और उसके राइट हैंड आमिर ने ही दोनों को कश्मीर में आतंकी ट्रेनिंग दी थी। वहीं रउफ और मीर कश्मीर में रहते हैं और फरार हैं।
जालंधर में फैला आतंकी नेटर्वक पुलिस ने 10 अक्टूबर को सीटी कालेज के हॉस्टल से मूसा के भाई रफीक बट सहित चार कश्मीरी छात्रों को गिरफ्तार किया था। इनसे एक एके-56 और विस्फोटक पदार्थ बरामद हुए थे। इस मामले की जांच जारी है। इससे पहले अप्रैल में पुलिस इंटरनेट पर आतंकी संगठनों का प्रचार करने के आरोप में सेंट सोल्जर कॉलेज से दो कश्मीरी छात्रों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन गिरफ्तारियों से स्पष्ट है कि आतंकियों केस्लीपर सेल जालंधर और पंजाब में सक्रिय हैं। अब देखना यह है कि कितनी जल्दी पुलिस और खुफिया एजेंसियों के हाथ अमृतसर में धमाका करने वाले आतंकियों के गिरेबान तक पहुंचते हैं।
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