Jalandhar Bypoll Result: जालंधर में चली AAP की झाड़ू, सुशील रिंकू ने ढहाया कांग्रेस का किला; जानें कौन हैं
Jalandhar Bypoll Result कांग्रेस के गढ़ में आम आदमी पार्टी ने सेंध लगा ली है। जालंधर संसदीय उपचुनाव में कांग्रेस का किला सुशील रिंकू ने ढहा दिया है। उन्होंने 57 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। कांग्रेस की करमजीत कौर चौधरी दूसरे नंबर रहीं।
By Rajat MouryaEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sat, 13 May 2023 01:44 PM (IST)
जालंधर, जागरण डिजिटल डेस्क। जालंधर लोकसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील रिंकू ने बड़ी जीत दर्ज की है। वो 57 हजार से ज्यादा वोटों से उपचुनाव जीत गए हैं। दूसरे स्थान पर कांग्रेस की करमजीत कौर चौधरी रहीं। वहीं तीसरे नंबर पर शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन के सुखविंदर सुखी और चौथे पर बीजेपी के इंदर इकबाल अटवाल रहे।
खास बात यह है कि सुशील कुमार रिंकू कांग्रेस के पूर्व विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से ही राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। हालांकि, जालंधर लोकसभा उपचुनाव से पहले ही उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली। बता दें कि रिंकू 1990 में एनएसयूआई के सक्रिय सदस्य रहे हैं। 1992 में अकाली दल के उपचुनाव के दौरान सुशील कुमार रिंकू ने युवाओं को चुनाव के लिए तैयार किया और बूथ स्तर के कार्यकर्ता के रूप में काम किया।
2006 में पार्षद बने थे रिंकू
इसके बाद, साल 994 में सुशील रिंकू को डीएवी कॉलेज जालंधर में श्री गुरु रविदास की सांस्कृतिक सोसायटी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। इन्होंने साल 2002 में लोकसभा चुनाव के दौरान कार्यकर्ता के रूप में काम किया। इसके बाद वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की नजर में आए। उन्होंने 2006 में निकाय चुनाव लड़े और वह पार्षद चुने गए। उन्होंने 2500 वोटों से जीत हासिल की।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।रिंकू का परिवार भी कांग्रेस में था
आप को जालंधर उपचुनाव में जीत दिलाने वाले सुशील रिंकू ने कांग्रेस पार्टी की खूब सेवा की। उनका परिवार भी कांग्रेस से ही जुड़ा रहा। उनके चाचा और पिता ने लगभग हर विधानसभा और संसद चुनाव में पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1977 में आपातकाल के दौरान, उनके पूरे परिवार को कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने के लिए जेल में डाल दिया गया था।