Road Safety In Jalandhar: डीसी जसप्रीत सिंह बोले, नाबालिगों को वाहन देने वाले स्वजनों पर भी होगी एफआइआर
Road Safety in Jalandhar जालंधर के डीसी जसप्रीत सिंह ने कहा कि सरकार या प्रशासन सबकुछ नहीं कर सकता। लोगों को भी खुद जिम्मेदार बनना होगा। गुड सेमेरिटन योजना के लिए लोग आगे आएं किसी कानूनी पचड़े में नहीं पड़ना पड़ेगा।
By Edited By: Updated: Mon, 28 Nov 2022 05:55 PM (IST)
शाम सहगल, जालंधर। बढ़ते जा रहे सड़क हादसों को लेकर डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह का मानना है कि लोगों के सहयोग के बिना इस समस्या का समाधान संभव नहीं है। अकेली सरकार या प्रशासन कुछ नहीं कर सकता। लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। संयुक्त अभियान के साथ ही इस समस्या का खात्मा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि लोग अपने 15-16 साल के बच्चों को बाइक व कार तक दे देते हैं, जो गलत है। अब नाबालिगों को वाहन देने पर स्वजनों पर भी एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। दैनिक जागरण के सुरक्षित यातायात अभियान के तहत विशेष बातचीत में डीसी ने सड़क दुर्घटना के दौरान विपरीत परिस्थितियों में हौसला दिखाने वाले लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है।
गुड सेमेरिटन योजना के तहत ऐसे लोगों को पुरस्कार व सम्मान देने का भी प्रविधान है। सड़क दुर्घटना के दौरान घायलों की मदद करने के लिए लोग आगे आएं। उनकी मर्जी के बिना कानूनी औपचारिकता में शामिल नहीं किया जाता। अगर कोई भी दिक्कत आती है तो लोग सीधा उनसे आकर मिल सकते हैं। प्रस्तुत हैं उनके साथ बातचीत के अंश :
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सवाल : धुंध का मौसम शुरू होने जा रहा है। बेसहारा पशुओं से होने वाले हादसे रोकने के लिए रोड सेफ्टी कमेटी ने क्या कदम उठाए हैं?जवाब : हाईवे से लेकर जीटी रोड पर धुंध के दिनों से वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने को लेकर अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस व स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है। रिफ्लेक्टर लगाने के साथ ही लोगों को धुंध के दिनों में वाहन धीरे चलाने के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके लिए केवल रोड सेफ्टी कमेटी की बैठकें ही नहीं, बल्कि विभिन्न विभागों के साथ होने वाली संयुक्त बैठकों में भी निर्देश दिए जा रहे है।
सवाल : कमेटी की कारगुजारी जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं पड़ती? बैठकें भी तय समय पर नहीं होती हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार हर 15 दिन बाद आनलाइन और महीने बाद प्रत्यक्ष बैठक होनी चाहिए। इन बैठकों के आयोजन पर गंभीरता क्यों नहीं दिखाई जा रही? जवाब : ऐसा नहीं है। पिछले काफी समय से हर माह रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक बुलाई जाती है। काम की अधिकता के बीच हर माह प्रत्यक्ष बैठक ही की जाती है। बैठकों को लेकर गंभीर है। हर माह बैठक के बाद रिपोर्ट तैयार की जाती है ताकि फैसलों को प्रभावी ढंग से लागू करवाया जा सके।
सवाल : कमेटी में किन किन जनप्रतिनिधियों को शामिल किया गया है? क्या कमेटी में जनप्रतिनिधि शामिल होते हैं? जवाब : रोड सेफ्टी कमेटी में अपाहिज आश्रम के चेयरमैन तरसेम कपूर, जालंधर वेलफेयर सोसायटी के प्रधान सुरिंदर सैनी व समाज सेवक डा. रमेश कंबोज है। बैठकों को लेकर एक दिन निर्धारित नहीं किया जाता है। माह में एक बार बैठक करना सुनिश्चित किया गया है। कई बार प्रदेश स्तरीय बैठक के साथ ही जिला स्तरीय बैठक कर ली जाती हैं। इसमें प्रदेश स्तर पर मिलने वाली सहायता पर भी चर्चा हो जाती है। जनप्रतिनिधियों को केवल जिला स्तरीय बैठक में ही आमंत्रित किया जाता है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सवाल : जिले में कितने ब्लैक स्पाट की पहचान की गई है? यहां हादसे न हों, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? जवाब : जिले में 45 ब्लैक स्पाट की पहचान की गई है। यहां पर हादसे रोकने के लिए नेशनल हाईवे अथारिटी के साथ तालमेल करके समाधान निकाला जाएगा। हाईवे से गुजरते समय इन ब्लैक स्पाट के कारण कोई घटना ना हो, इसके लिए जरूरी सूचक बोर्ड भी लगाए जाएंगे। सवाल : हाईवे पर बड़े स्तर पर अवैध कट हैं। हमारी टीम के सर्वे में 78 अवैध कट मिले। क्या जिला स्तर पर प्रशासन भी चेकिंग करता है? अवैध कट बंद करवाने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे? जवाब : अवैध कट बंद करवाने के लिए पहले से ही ट्रैफिक पुलिस के साथ तालमेल स्थापित किया जा चुका है। इसके लिए अनावश्यक कटों को बंद करवाने के निर्देश दिए हुए है। जिला स्तर पर जांच करवाने के बाद कपूरथला रोड, वर्कशाप चौक से गुलाब देवी रोड, पटेल चौक से गोपाल नगर को जाते मार्ग समेत सात के करीब अवैध कट बंद भी करवाए जा चुके है। सवाल : हाईवे पर कई स्थान तो ऐसे हैं जहां साइन बोर्ड व रिफ्लेक्टर आदि की कमी है। ऐसा क्यों है कि प्रशासन एनएचएआइ और स्टेट हाइवे अथारिटी को ये खामियां दूर करने के लिए नहीं कह रहा? अगर कहा जा रहा है तो खामियां दूर क्यों नहीं हो रहीं? जवाब : धुंध पड़ने से पहले रिफलेक्टर लगाने का काम पूरा करने के निर्देश दिए गए है। जहां पर साइन बोर्ड नहीं है, वहां पर नेशनल हाईवे अथारिटी को तुरंत लगवाने को कहा जा चुका है। क्रमवार इन खामियों को दूर किया जाएगा। इन दिनों सबसे पहले रिफ्लेक्टर के काम को पूरा करना प्राथमिकता है।jalandhar...
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सवाल : कई जगह बाटलनेक की समस्या है। वहां साइन बोर्ड, रिफ्लेक्टर भी नहीं लगे हैं। वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए इस दिशा में क्या कदम उठाए जाएंगे? जवाब : बाटलनेक की समस्या का समाधान करवाने के लिए ही सर्वे करवाया गया था। इसके बाद एनएच को इन बाटलनेक को खत्म करने के लिए तुरंत काम करने के निर्देश दिए गए। नए प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण करने के साथ ही यहां पर बाटलनेक की संभावना को लेकर पहले से होमवर्क करने को कहा गया है। वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए ही रिफ्लेक्टर लगाए जाने है। सवाल : सरकारी ट्रामा सेंटर में स्टाफ की कमी है। बर्न सेंटर तो बना है, लेकिन ताले नहीं खुले। क्यों? जवाब : ट्रामा सेंटर में स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए सिविल सर्जन से डिमांड लेटर मांगी गई है। बर्न सेंटर में एसी नहीं लगे होने के कारण इसे पंजाब हेल्थ सिस्टम कार्पोरेशन को सौंपा नहीं गया। एसी के लिए टेंडर मांगे गए है। सवाल : कई स्कूल वाहन अनफिट हैं। कई अन्य अनफिट वाहन भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इनको कैसे रोका जाएगा? जवाब : जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश जारी करके सभी स्कूलों को अनफिट वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने को कहा गया है। इसके बाद भी अनफिट पाए जाने पर इन्हें जब्त करने का प्रावधान है। इसके अलावा स्कूल प्रबंधकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। सवाल : सड़कों पर बेसहारा पशु भी हादसों का कारण बन रहे हैं, जिले में गोशालाएं भी हैं तो इन पशुओं को वहां क्यों नही रखा जाता? जवाब : कई बार दूध नहीं देने के चलते लोग ही अपने पशु सड़कों पर छोड़ जाते है, जो समस्या का प्रमुख कारण है। गोशालों को इसके लिए हिदायत दी जा चुकी है। इसके लिए लोगों को ऐसे पशु सड़कों पर छोड़ने के बजाय गोशालाओं के साथ संपर्क करना चाहिए। सवाल : टैगोर अस्पताल के सामने वाली सड़क व वर्कशाप चौक को जाते मार्ग की खोदी सड़कों के निर्माण का काम अधर में क्यों है? जवाब : टैगोर अस्पताल के सामने वाली सड़क के निर्माण का काम संभावित इसी सप्ताह में शुरू हो जाएगा। वर्कशाप चौक में नई सीवरेज लाइन बिछाने का काम जारी है। यह काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। सीवरेज लाइन बिछने के बाद इस रोड पर से सीवरेज जाम का समस्या खत्म हो जाएगी। लिहाजा, सीवरेज की अधिक क्षमता वाली लाइन बिछाने के बाद सड़क निर्माण का काम शुरू होगा।jalandhar...
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