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Punjab: पुलिस की लापरवाही से बढ़ी नशा तस्करी, स्मगलर सप्लाई का ट्रेंड बदल फैला रहे मकड़जाल

जालंधर में पंजाब पुलिस जितना नशा पकड़ रही है उससे कई गुणा ज्यादा सप्लाई हो रहा है। कई इलाके ऐसे हैं जहां पर नशा तस्करी खुलेआम होती है। बाइक पर सवार युवक घर बैठे चिट्टे की सप्लाई करते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Pankaj DwivediUpdated: Sat, 15 Oct 2022 09:04 AM (IST)
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जालंधर में नशा छह महीने में 17 लोगों की जान ले चुका है। सांकेतिक चित्र।

जगदीश/सुक्रांत, जालंधर। नशे के लिए बदनाम फिल्लौर के गन्ना पिंड में दो युवक बाइक पर आए। वे एक घर के बाहर रुके और पीछे बैठे युवक को घर के बाहर खड़े नौजवान ने चिट्टे की पुड़िया थमा दी। बाइक सवार युवकों ने पुड़िया ली और वहां से निकल गए। ऐसा दृश्य सिर्फ गन्ना पिंड ही नहीं जालंधर के कई और इलाकों में भी दिख जाता है। तस्करी पर नकेल कसने के पुलिस के दावों के विपरीत जालंधर में नशा फैल रहा है। नशा तस्करों का मकड़जाल बढ़ता जा रहा है।

पुलिस जालंधर में जितना नशा पकड़ रही है, उससे कई गुणा ज्यादा सप्लाई हो रहा है। कई इलाके ऐसे हैं जहां पर नशा तस्करी खुलेआम होती है और पुलिस रोक नहीं पा रही। गन्ना पिंड के अलावा फिल्लौर से लेकर गिद्दड़पिंडी तक सतलुज दरिया के किनारों के इलाके, जालंधर शहर की काजी मंडी, भार्गव कैंप, ढन्ना मोहल्ला, गढ़ा व बस्तियात के कई ऐसे इलाके हैं, जहां पुलिस चाहकर भी नशा नहीं रोक पा रही।

पूरे जिले में इन इलाकों से नशा सप्लाई होता है। यहां पर लोग नशा लेकर आगे सप्लाई करने के लिए ले जाते हैं। शराब से लेकर हेरोइन तक इन इलाकों में आसानी से उपलब्ध हो जाती है। इन इलाकों में नशा तस्करों के खिलाफ कई बार शिकायतें आईं, पुलिस ने छापेमारी की लेकिन आज तक नशा तस्करी रुक नहीं पाई।

नशा सप्लाई के नए-नए तरीके, सुनकर हैरान रह जाएंगे आप

  • फिल्लौर के पास पुलिस ने मछली के पेट में हेरोइन छिपाकर ले जा रहे तस्करों को गिरफ्तार किया था।
  • गोराया के पास पुलिस ने अपने सैंडिल की एड़ियों में हेरोइन छिपा कर ले जा रही महिला को पकड़ा था।
  • एक महिला ने तो हेरोइन छिपाने के लिए पेट में आपरेशन तक करवा लिया।
  • बिलगा के पास ट्रक के तले के नीचे एक और तला बना कर वहां भुक्की छिपाकर ले जा रहे ट्रक चालक को पकड़ा जा चुका है।

छह महीने में रिकवरी

छह महीने में जालंधर जिले की पुलिस ने पांच किलो हेरोइन, बीस क्विंटल चूरा पोस्त सहित हजारों लीटर शराब पकड़ कर सौ से ज्यादा तस्करों को गिरफ्तार किया है।

कई जिंदगियां लील चुका नशे का यह दानव

नशे का दानव छह महीने में 17 लोगों की जान ले चुका है। इनमें 16 साल से लेकर 25 साल तक के नौजवान शामिल हैं। एक युवती भी नशे की वजह से जिंदगी से हाथ धो चुकी है।

महिलाओं की बढ़ रही भागीदारी

नशे के कारोबार में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। पिछले छह महीने में 12 महिलाओं को नशे के साथ गिरफ्तार किया है। इनमें से पांच महिलाएं विदेशी हैं, जो दिल्ली से जालंधर में नशा सप्लाई करते वक्त गिरफ्तार हुईं। जिन नशा तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा, उनके घरों की महिलाएं भी नशा तस्करी के धंधे में उतर गई हैं। कुठ महिलाआें पर पहले से कई केस दर्ज हैं।

इन दो कहानियों से जाने कैसे नशा बर्बाद कर रहा आपका घर

सोढल का रिंकू (काल्पनिक नाम) माडल नशा छुड़ाओ केंद्र में नशा छोड़ने का इलाज करवाने के लिए दाखिल है। उसने बताया कि वह दर्जी का काम करता था। यारी दोस्ती में साढ़े चार साल पहले नशे की लत लगी। इस दौरान जो कमाई करता था नशे में डूब जाती थी। धीरे धीरे नशे का कारोबार भी करने लगा। पिछले दिनों पुलिस ने पकड़ लिया था। पिता जी नहीं रहे। घर में मां और दो भाई हैं।

भार्गव कैंप का संतोष (काल्पनिक नाम) पिछले अढ़ाई साल से नशा कर रहा है। 20 दिन पहले सिविल अस्पताल में पहुंचा। जहां ओपीडी में डाक्टर ने उसकी जांच पड़ताल कर दवा शुरू कर दी है। वह कहता है कि निजी कंपनी में नौकरी करता था। कोरोना काल में नौकरी चली गई। तनाव में था। बुरी संगत में फंस गया और नशे के आदी हो गया। स्वजनों ने भी खर्चा देना बंद कर दिया।

पुलिस का दावा- कई जगह नशे की चेन ब्रेक की

नशा रोकने के लिए पुलिस काम कर रही है। नशा तस्करों को भी पकड़ा जा रहा है और कई जगह पर नशे की चेन ब्रेक की गई है। आगे भी नशा तस्करों और तस्करी के खिलाफ बड़े स्तर पर काम किया जाएगा।

स्वर्णदीप सिंह, एसएसपी

नशा तस्करी को रोकने के लिए पुलिस पूरा प्रयास कर रही है। जहां जहां नशा बिकता है, वहां पर पुलिस छापेमारी कर रही है और नशा तथा नशा तस्करों को पकड़ा जा रहा है। नशा खत्म करने के लिए पुलिस पूरा प्रयास कर रही है।

-जसकिरणजीत सिंह तेजा, डीसीपी।

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