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जालंधर को मिट्ठापुर के रूप में मिली एक और हाकी नर्सरी, चार हजार करोड़ के पार पहुंचा खेल उद्योग

जालंधर ने पिछले कुछ वर्षों ने खेल के क्षेत्र में अत्यधिक उन्नति की है। स्पोर्ट्स कालेज में जहां नया एथलेटिक्स ट्रैक बिछाया गया है तो सुरजीत हाकी स्टेडियम में नई एस्ट्रोटर्फ बिछा दी गई है। जालंधर का खेल उद्योग भी अब चार हजार करोड़ रुपये का हो गया है।

By Jagran NewsEdited By: Pankaj DwivediUpdated: Fri, 14 Oct 2022 11:20 AM (IST)
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जालंधर के स्पोर्ट्स कालेज में नया एथलेटिक्स ट्रैक बिछा दिया गया है। जागरण
कमल किशोर, जालंधर। पिछले 23 वर्ष की बात करें तो जालंधर खेल इंडस्ट्री के साथ-साथ खिलाड़ियों को भी बेहतर सुविधाएं मिली हैं। पहले जिले के गांव संसारपुर गांव को हाकी की नर्सरी कहा जाता था, अब मिट्ठापुर को भी हाकी की नर्सरी कहा जाए, गलत नहीं होगा। मिट्ठापुर से तीन ओलिंपियन भारतीय हाकी टीम में खेल रहे हैं।

यहां के मनप्रीत सिंह तो भारतीय टीम के कप्तान हैं। उनके अलावा मनदीप सिंह व वरुण कुमार हाकी में देश का नाम रोशन कर रहे है। गांव खुसरोपुर से ओलिंपियन हार्दिक सिंह भी जालंधर से ही हैं। इन चारों खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा से पंजाब का नाम रोशन किया है। मनप्रीत, मनदीप, वरुण व हार्दिक ने विभिन्न राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर कई पदक अपने नाम किए हैं।

100 से ज्यादा खिलाड़ी मिट्ठापुर अकादमी का हिस्सा

वर्तमान में मिट्ठापुर अकादमी में सौ से अधिक खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं। गांव संसारपुर ने देश को 14 ओलिंपियन दिए है। इनमें कर्नल गुरमीत सिंह, ऊधम सिंह, गुरदेव सिंह, दर्शन सिंह, कर्नल बलबीर सिंह, बलबीर सिंह ( पंजाब पुलिस), जगजीत सिंह, अजीत पाल सिंह, गुरजीत सिंह कुलार, तरसेम सिंह, हरदयाल सिंह, हरदेव सिंह, जगजीत सिंह, बिंदी कुलार का नाम शामिल हैं।

खिलाड़ियों को मिला एथलेटिक्स ट्रैक

वर्ष 1996 में स्पोर्ट्स कालेज में एथलेटिक्स बिछाया गया था। वर्ष 2008 में एथलेटिक्स ट्रैक को बदलना था। ट्रैक खस्ताहाल हो गया था। इस पर प्रैक्टिस करके खिलाड़ी चोटिल हो रहे थे। अब सरकार ने खिलाड़ियों ने मांग को देखते हुए जालंधर को नया एथलेटिक्स ट्रैक बिछा दिया है। ट्रैक मिलने से खिलाड़ियों में खुशी की लहर है।

सुरजीत हाकी स्टेडियम में नई एस्ट्रो टर्फ

सुरजीत हाकी एकेडमी में देश को कई ओलिंपियन के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। पिछले ओलंपिक में भारतीय हाकी टीम में अधिकतर खिलाड़ी सुरजीत हाकी एकेडमी में अभ्यास कर चुके थे। सुरजीत हाकी एकेडमी में हाकी की नई पौध तैयार हो रही है। 120 से अधिक खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं। पंजाब सरकार ने यहां नई एस्ट्रो टर्फ बिछा दी है।

चार हजार करोड़ का खेल उद्योग

23 वर्ष में खेल उद्योग चार हजार करोड़ का हो चुका है। 23 वर्ष पहले खेल इंडस्ट्री बैट, फुटबाल, बैडमिंटन, लकड़ी की हाकी को तैयार किया जाता था। अब इंडस्ट्री ने स्वयं को आधुनिक तकनीक व विदेशों में अपने खेल सामान की धाक जमाने के लिए खेल एसेसरी बनानी शुरु कर दी। अब इंडस्ट्री में लकड़ी के बैडमिंटन की जगह एलुमिनियम के तैयार होने लग पड़े। लकड़ी की हाकी जगह कंपोजिट हाकी तैयार होने लग पड़ी।

जालंधर से तैयार खेल सामान से विदेशी खिलाड़ी के साथ-साथ भारतीय खिलाड़ी खेल रहे है। पाकिस्तान में बनने वाली कंपोजिट हाकी स्टिक को जालंधर इंडस्ट्री ने तैयार करना शुरु कर दिया। क्रिकेटर क्रिस गेल जिस बल्ले से खेलते है, वह जालंधर से तैयार होता है। ओलंपिक में भारतीय महिला टीम की खिलाड़ी सविता, रजनी, निशा, वंदना, उदिता, शुशीला, दीपग्रेस, समिला टेटे जिस हाकी से खेल रहे थे, वह जालंधर से तैयार हुई थी।

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