जालंधर में हाई स्पीड ट्रेनों के लिए Safety Wall जरूरी, आसपास की आबादी से ट्रैक पर सीधे पहुंच रहे लोग
जालंधर में हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि रेलवे ट्रैक के आसपास बसे इलाकों के लोग रेलवे ट्रैक के ऊपर बैठ कर अपना समय व्यतीत करते हैं। ताश तक भी खेलते हैं। आवारा घूम रहे पशु भी रेलवे ट्रैक के आर-पार होते रहते हैं।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। तीव्र गति से चलने वाली तेजस, वंदे भारत, शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या बढ़ाने से पहले रेलवे ट्रैक के आसपास सेफ्टी वाल बनाना बेहद जरूरी है। कारण, रेलवे ट्रैक के आसपास रिहायशी क्षेत्र बस चुके हैं और लोग बेरोकटोक रेलवे ट्रैक तक पहुंच जाते हैं। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि रेलवे ट्रैक के आसपास बसे इलाकों के लोग रेलवे ट्रैक के ऊपर बैठ कर अपना समय व्यतीत करते हैं। ताश तक भी खेलते हैं। आवारा घूम रहे पशु भी रेलवे ट्रैक के आर-पार होते रहते हैं। इनसे तीव्र गति ट्रेनों के लिए भारी खतरा रहता है।
खतरा इस बात का भी है कि पहले भाप के इंजन थे, जो भारी भरकम आवाज करते थे। उसके बाद डीजल इंजन आए और उनकी भी आवाज ज्यादा हुआ करती थी। मौजूदा समय में चल रहे इलेक्ट्रिक इंजन की आवाज बेहद कम है। दूर से ट्रेन के आने का पता नहीं चलता है। इस वजह से ट्रेन से लोगों और पशुओं के कटने की घटनाओं में भी खासा इजाफा हुआ है।
जालंधर के बीचोबीच से दिल्ली-लाहौर रेल खंड, कटरा-दिल्ली रेल खंड और जालंधर-फिरोजपुर रेलखंड है। इस पर से तीव्र गति से एक्सप्रेस ट्रेनों का आवागमन होता है। इन तीनों ही ट्रैक के आसपास भारी भरकम रिहायशी क्षेत्र बन चुका है और लोगों का ट्रैक तक पहुंचना बेहद आसान है।
मंडल में रोज होती है ट्रेन से कटने की घटना
रेलवे ट्रैक पर आसानी से पहुंचने का बड़ा मूल्य भी अदा करना पड़ रहा है। फिरोजपुर मंडल में लगभग रोजाना ट्रेन से कटने की घटना होती है। लोगों के ट्रेन से कटने की घटनाएं तो कम है, लेकिन आवारा पशु रोजाना ट्रेन से टकराते हैं। इसे ट्रेन के भी डिरेल होने की आशंका बनी रहती है
विकराल है समस्या: डीआरएम राजेश अग्रवाल
रेलवे ट्रैक तक लोगों के आसानी से पहुंचने को डीआरएम राजेश अग्रवाल विकराल समस्या बता रहे हैं। डीआरएम ने कहा कि देशभर में ही रेलवे ऐसी समस्या से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि जहां संभव हो रहा है, वहां ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि लोगों की रेलवे ट्रैक तक सीधी पहुंच को रोका जा सके।