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दिवाली पर इस बार 15 करोड़ के पटाखे फोड़ गए जालंधरिए, व्यापारियों को बिक्री के लिए मिले केवल तीन दिन

By Manoj TripathiEdited By: Pankaj DwivediUpdated: Tue, 25 Oct 2022 06:44 PM (IST)
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जालंधर में केवल तीन दिन में 15 करोड़ रुपये के पटाखे बेचे गए। पुरानी तस्वीर
जागरण संवाददाता, जालंधर। दिवाली पर इस बार जालंधरिए 15 करोड़ के पटाखे फोड़ गए। शहर में पटाखों की बिक्री के लिए जिला प्रशासन द्वारा 20 व्यापारियों के ड्रा निकाले गए थे। कारोबारियों को बर्ल्टन पार्क में अस्थाई दुकानें बनाकर पटाखे बेचने की इजाजत दी गई। हालांकि लाइसेंस जारी करने में देरी के चलते दो व्यापारियों ने इस बार पटाखे बेचने से तौबा कर ली। एक पर पर्चा दर्ज होने के बाद अधिकारिक तौर पर 17 दुकानें ही सज सकी। जहां पर पटाखों की थोक व रिटेल बिक्री की गई।

जुदा बात है कि अंदरखाते व्यापारियों में हुए करार के चलते उन लोगों ने भी पटाखों की बिक्री की, जिनके पास लाइसेंस नहीं थे। इस समझौते के बाद बलटन पार्क में 80 के करीब दुकानें सजाई गई थी। जहां पर साढ़े तीन दिन में 15 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ।

यह पहला अवसर था जब ड्रा निकाले जाने के बाद भी पटाखा व्यापारियों को लाइसेंस जारी करने में करीब आठ दिन लग गए। 12 अक्टूबर को निकाले ड्रा के बाद 20 अक्टूबर देर शाम को लाइसेंस जारी किए गए। इसके लिए कभी नगर निगम को दुकान का किराया जमा करवाने की पर्ची लाने तो कभी फायर ब्रिगेड से मंजूरी लेने का प्रविधान तय करने के साथ-साथ सियासी दबाव भी इसका एक कारण रहा। इस बीच पटाखा व्यापारियों की परेशानी बढ़ गई थी। इसी कारण ड्रा निकाले जाने के बाद भी 2 व्यापारियों ने पटाखा बेचने से तौबा कर ली।

ग्रामीण इलाकों के लिए भी हुई थोक खरीदारी

बर्ल्टन पार्क से केवल शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में पटाखों की बिक्री के लिए थोक में खरीदारी की गई। कारण जिला प्रशासन ने ग्रामीण इलाकों के लिए अलग से पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी नहीं किए थे। जिसके चलते ग्रामीण इलाकों में माल बेचने वाले बलटन पार्क से सप्लाई लेते रहे। पटाखा व्यापारियों की मानें तो थोक में माल की बिक्री करने से ही पटाखों का स्टाक क्लियर हो सका है, अन्यथा भारी मात्रा में पटाखा बचना तय था।

लाइसेंस मिलने में देरी से बढ़ी परेशानी

इस बारे में फायर वर्क्स एसोसिएशन के प्रधान विकास भंडारी बताते हैं कि लाइसेंस मिलने में देरी के कारण व्यापारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई थी। कारण पहले से पटाखों का आर्डर कर चुके व्यापारियों को माल की सप्लाई शुरू कर दी गई थी। अब उनके सामने माल की बिक्री करना चुनौती बन गया। यहीं कारण रहा कि इस बार पटाखा व्यापारियों ने तड़के से लेकर देर रात तक दुकानें खोलकर माल की बिक्री की है।

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