Jalandhar Street Food: जालंधर के योगा हलवाई की फेमस लस्सी के सभी दीवाने, 100 साल से स्वाद बरकरार
Jalandhar Street Food जालंधर खानपान के लिए काफी मशहूर है। यहां की लस्सी का स्वाद ताे एकदम ही निराला है। शहर के योगा हलवाई की लस्सी के सभी पंजाबी बहुत दीवाने हैं। लस्सी का स्वाद 100 साल से बरकरार है।
मनोज त्रिपाठी, जालंधर। पुरानी जेल से डाल्फिन होटल को जाने वाली रोड से ओल्ड सब्जी मंडी के कार्नर पर स्थित योगा हलवाई की लस्सी का स्वाद 100 साल से बरकरार है। ताजी दही, दूध और चीनी के मिश्रण से तैयार होने वाली इनकी लस्सी के साथ खोए की बर्फी और बेसन खाने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। मंडी में भीड़ ज्यादा होने के कारण दिन में पैदल या दोपहिया वाहन से पहुंचा जा सकता है।
तमाम लोग अपनी कारें जेल की पार्किंग में खड़ी करके लगभग आधा किलोमीटर दूर पैदल ही इनकी लस्सी का स्वाद लेने जाते हैं। विनोद शर्मा ने बताया कि लस्सी, खोए की बर्फी और बेसन बनाने का काम उनके पिता योगराज शर्मा ने पाकिस्तान में शुरू किया था। बंटवारे के दौरान वे जालंधर शिफ्ट हो गए और उस समय यहां पर एक ही सब्जी मंडी लगती थी जो आज ओल्ड सब्जी मंडी के नाम से जानी जाती है। इसी मंडी में उन्होंने लस्सी, खोए की बर्फी व बेसन का काम शुरू किया। कुछ समय बाद उन्होंने मंडी में ही एक दुकान ली। उस दुकान में बनने वाली लस्सी के स्वाद को आज उनकी अगली पीढ़ी ने भी बरकरार रखा हुआ है।
विनोद बताते हैं कि उन्होंने कभी भी पिता द्वारा तैयार की गई रेसिपी में कोई बदलाव नहीं किया। दूसरी पीढ़ी इस कारोबार को आगे बढ़ा रही है। शुरुआती दौर में इनकी लस्सी एक लीटर के गिलास में दी जाती थी जो समय के साथ-साथ अब आधा लीटर में बदल गई। पहले लोग आराम से ढाई सौ ग्राम खोये की बर्फी या बेसन के साथ एक लीटर लस्सी पी जाते थे, लेकिन अब लोगों की क्षमता भी कम हो गई है। इसलिए उन्होंने लस्सी के गिलास का साइज भी आधा लीटर का कर दिया है।
अच्छी लस्सी बनाने के लिए सालों से वे बिना मिलावटी दूध ही चुनिंदा दूध बेचने वालों से लेते हैं और खुद उससे दहीं जमाते हैं। उसी दहीं से लस्सी बनाते हैं। एनआरआई सहित जालंधर व आसपास इलाकों के तमाम लोग जब भी मौका मिलता है, इनकी लस्सी का स्वाद लेने से चूकते नहीं हैं।
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