देवी का यह धाम कहलाता है ‘श्री देवी तालाब', जानें यहां के पवित्र सरोवर से जुड़ी हर बात
श्री देवी तालाब के सरोवर को पवित्र व धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। देवी के चरणों के समीप बना होने के कारण ही इससे ‘देवी तालाब’ नाम दिया गया था।
By Sat PaulEdited By: Updated: Mon, 30 Dec 2019 11:15 AM (IST)
जालंधर, [शाम सहगल]। उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थल सिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर में बने विशाल सरोवर का इतिहास माता सती से जुड़ा है। इस सरोवर का नाम देश के 108 पावन सरोवरों में लिया जाता है। जालंधर के नाम से जल का महत्व शुरू से जुड़ा रहा है। दैत्य राज जालंधर के नाम से विख्यात हुए शहर में किसी समय 12 सरोवर थे। इनमें श्री देवी तालाब के सरोवर को पवित्र व धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। देवी के चरणों के समीप बना होने के कारण ही इससे ‘देवी तालाब’ नाम दिया गया था, जो आज सिद्ध शक्तिपीठ दरबार की शान बना हुआ है।
भगवान शंकर की अश्रु धारा से बना सरोवरश्री देवी तालाब के पावन सरोवर को लेकर सबसे प्रचलित कथा के अनुसार सती माता का एक अंग यहां पर गिरा था। इस कारण भगवान शिव के नेत्रों से बही अश्रुधारा से यह स्थल सरोवर में बदल गया। एक अन्य कथा के मुताबिक आदि जगद्गुरु शंकराचार्य ने यहां पर गंगा मैया का आह्वान किया था। जिसके बाद देखते ही देखते धरती से जल प्रकट हो गया। बाद में इसके चारों तरफ सीढ़ियों का निर्माण करवाया गया।
सिद्ध शक्तिपीठ के चरणों में बना पवित्र सरोवर
विश्व भर में स्थित 52 सिद्ध शक्तिपीठों में मां त्रिपुरमालिनी का नाम भी शामिल है। सती माता का एक अंग यहां पर गिरा था। श्री देवी तालाब मंदिर की परिक्रमा करते हुए मां त्रिपुरमालिनी का मंदिर आता है। जिसके चरणों में पवित्र सरोवर का निर्माण हुआ है। इसके चलते इसे देवी तालाब का नाम दिया गया है।
48 स्तंभों पर हुआ श्री देवी तालाब मंदिर का निर्माणतालाब का निर्माण करने के साथ इसके बीच 48 सतंभ भी बनाए गए। जिस पर श्री देवी तालाब मंदिर के दरबार का निर्माण किया गया। बताया जाता है कि 70 के दशक में तलाब की नई सीढ़ियों का निर्माण करने के साथ मंदिर का भव्य निर्माण किया गया है।
फिल्टर के साथ स्वच्छ रखा जाता है पवित्र सरोवर का जलश्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी के महासचिव राजेश विज बताते हैं कि पवित्र सरोवर के जल को स्वच्छ रखने के लिए विशाल फिल्टर लगाए गए हैं। इसके अलावा सोडियम लाइट के साथ रात के समय पवित्र सरोवर जगमगा उठता है। हाल ही में पवित्र सरोवर में कार सेवा करवाई गई, जिसमें देशभर से श्रद्धालुओं ने श्रमदान किया। इस समय इस पवित्र तालाब में छोड़ी गई मछलियां भी इस पवित्र सरोवर की शान बनी हुई है। श्रद्धालु इस तालाब की परिक्रमा कर खुद को कृतार्थ करते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें