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Patiala Peg की अनोखी कहानी, इसका इस्तेमाल कर महाराजा भूपिंदर सिंह ने अंग्रेज क्रिकेटर्स के छुड़ा दिए थे छक्के

Patiala Peg को यह कैसे मिला इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है। वर्ष 1920 में पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह ने अंग्रेजों को क्रिकेट मैच में धूल चटाना चाहते थे। इसी मकसद के लिए एक योजना बनी और पटियाला पेग को ईजाद किया गया।

By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Wed, 21 Sep 2022 12:40 PM (IST)
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पटियाला पेग के इतिहास पटियाला राजघराने से जुड़ा हुआ है।
आनलाइन डेस्क, जालंधर। आप व्हिस्की पीने के शौकीन हैं या नहीं, आप ने पटियाला पेग (Patiala Peg) के बारे में जरूर सुना होगा। पार्टियों में अक्सर दोस्तों को व्हिस्की का पटियाला पेग पिलाकर टल्ली कर दिया जाता है। दरअसल पटियाला पेग में व्हिस्की की मात्रा सामान्य से काफी ज्यादा होती है। इसे पीते ही लोग झूमने लगते हैं। 

विशेष अवसरों पर जश्न के मौके पर लोग मेहमानों को अक्सर पटियाला पेग आफर करते हैं। सवाल उठता है कि आखिर इसका नाम पटियाला पेग ही क्यों पड़ा। इसका पटियाला से क्या कनेक्शन हैं? क्यों इसमें व्हिस्की की मात्रा ज्यादा रखी जाती है। अपने इन्हीं सब सवालों के जवाब पाने के लिए आगे पढ़ते जाइए पटियाला पेग की कहानी।  

पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह की देन है 'पटियाला पेग'

दरअसल, पटियाला पेग का नाम (Patiala Peg Name History) पटियाला राजघराने से आया है। बात महाराजा भूपिंदर सिंह (Maharaja Bhupinder Singh) के जमाने की है। वह वर्ष 1900 से लेकर 1938 तक पटियाला रियासत के महाराज रहे थे। वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पिता थे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ही अपनी पुस्तक कैप्टन अमरिंदर सिंहः द पीपुल्स महाराजा (Captain Amarinder Singh: The People’s Maharaja) में इसका उल्लेख किया है। 

क्रिकेट में अंग्रेजों की हराने के लिए इस्तेमाल किया पटियाला पेग

कैप्टन ने अपनी पुस्तक में पटियाला पेग की शुरुआत के बार में विस्तार से लिखा है। इसके नाम के जन्म के पीछे महाराजा की अंग्रेजों की टीम को क्रिकेट मैच में हराने की जिद थी। बात 1920 की है। अंग्रेजों की एक टीम महाराजा भूपिंदर सिंह की टीम के साथ क्रिकेट मैच खेलने पटियाला पहुंचती है।

जब अंग्रेज हो गए पीकर टल्ली

अंग्रेजों को हर हाल में हराने के लिए महाराजा भूपिंदर सिंह योजना बनाकर मैच की पूर्व संध्या पर उन्हें पार्टी में बुलाते हैं। फिर जानबूझकर अंग्रेज टीम के खिलाड़ियों को व्हिस्की के बड़े-बड़े पेग बनाकर पिलाए गए। आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि सुबह मैच से पहले अंग्रेजों की हालत कैसी रही होगी। हेवी हैंगओवर के साथ मैच खेलने पहुंचे अंग्रेज महाराजा की टीम के आगे ज्यादा देर नहीं टिक पाए। महाराजा की टीम को बड़ी जीत मिली। 

जब महाराजा बोले, हमारे पटियाला में पेग बड़े होते हैं

अगले दिन जब वायसराय के राजनीतिक दूत महाराजा भूपिंदर सिंह से शिकायत करने पहुंचे तो उन्होंने ये जवाब देकर उनका मुंह बंद कर दिया कि हमारे पटियाला में पेग बड़े होते हैं। इसी के बाद से ज्यादा व्हिस्की की मात्रा वाले पेग को पटियाला पेग कहा जाने लगा।  

पटियाला पेग में 120 एमएल व्हिस्की

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पुस्तक में लिखा कि पटियाल पेग में करीब 120 एमएल व्हिस्की आती है। आम तौर पर ग्लास पकड़ने पर आपकी सबसे छोटी अंगुली से लेकर अंगूठे के पास वाली अंगुली तक तक व्हिस्की होती है। चार अंगुली वाले इसी पेग को ही पटियाला कहते हैं।

वैद्यानिक चेतावनी- शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। 

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