जानिए कौन हैं पंजाब के पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा, जिन्हें अफसर को रिश्वत देते विजिलेंस ने किया है गिरफ्तार
होशियारपुर में पूर्व विधायक सुंदर शाम अरोड़ा की गिरफ्तारी से हड़कंप मच गया है। वे दो बार क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रहे हैं। कुछ समय पहले ही उन्होंने भाजपा ज्वाइन की थी। उन पर इंडस्ट्रियल प्लाट की ट्रांसफर में सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे।
आनलाइन डेस्क, जालंधर। होशियारपुर के कद्दावर भाजपा नेता सुंदर शाम अरोड़ा की गिरफ्तारी ने रविवार को पूरे पंजाब में सियासी हलचल मचा दी है। अरोड़ा कैप्टन अमरिंदर की सरकार में उद्योग मंत्री थे और कांग्रेस की टिकट पर लगातार दो बार होशियारपुर विधानसभा सीट से विजयी रहे थे। वर्ष 2012 और 2017 में उनका सीधा मुकाबला भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद के साथ हुआ था। सूद उससे पहले लगातार तीन बार वर्ष 1997, 2002 और 2007 में इस सीट से जीतते रहे थे।
हालांकि सुंदर शाम अरोड़ा की एंट्री के बाद उनकी जीत पर ब्रेक लग गई। लगातार दो जीत के बाद वर्ष 2022 में भी कांग्रेस ने अरोड़ा को तीसरी बार भी होशियारपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा। हालांकि इस बार उन्हें आम आदमी पार्टी के ब्रह्म शंकर जिंपा के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी। जिंपा इस पंजाब सरकार में राजस्व एवं जल संसाधन मंत्री हैं।
कुछ समय पहले ही भाजपा में आए थे अरोड़ा
कुछ समय पहले मोहाली में एक इंडस्ट्रियल प्लाट के ट्रांसफर और बाइफर्केशन के मामले में विजिलेंस ने पूछताछ की थी। उनसे आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी पूछताछ चल रही थी। बदलते सियासी घटनाक्रम को देखते हुए कुछ समय पहले ही सुंदर शाम अरोड़ा ने कांग्रेस को बाय-बाय कहकर भाजपा का दामन थामा था।
अरोड़ा ने वर्ष 2002 में राजनीति में रखा कदम
सुंदर शाम अरोड़ा मूल रूप से बड़े कालोनाइजर हैं। उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में वर्ष 2002 में लड़ा था। उस समय वह कांग्रेस की टिकट पाना चाहते थे। ऐसा करने में सफल नहीं रहे तो आजाद प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
वर्ष 2012 में पहली बार बने विधायक
अरोड़ा को पहली सफलता वर्ष 2012 में मिली जब उन्होंने भाजपा नेता और लगातार तीन बार से होशियारपुर विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाले तीक्ष्ण सूद को शिकस्त दी। इसके बाद वह वर्ष 2017 में भी कांग्रेस की टिकट पर जीते और उद्योग मंत्री बने। हालांकि वर्ष 2022 के विस चुनाव में उन्हें आप प्रत्याशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। वर्तमान में वह भाजपा में हैं।
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