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बीता एक साल लेकिन वही हाल, मौतों से कोई सबक नहीं, पंजाब के गांवों में शाम ढलते ही चलने लगती हैं देसी शराब की भट्ठियां

पंजाब में एक साल पहले अवैध देसी शराब पीने से सौ से अधिक लोगों की मौत के बावजूद इससे कोई सबक नहीं लिया। एक साल बीत गया लेकिन वही हाल है और गांवों में शाम ढलते ही अवैध शराब भट्ठियां चलने लगती हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 31 Jul 2021 10:40 AM (IST)
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पंजाब के तरनतारन जिेले के एक गांव में चल रही शराब भट्ठी का दृश्‍य। (जागरण)
तरनतारन, [ धर्मबीर सिंह मल्हार]। 31 जुलाई 2020 का मनहूस दिन याद कर आज भी रोंगेटे खड़े हो जाते हैं लेकिन साल बाद भी हालात नहीं बदले। यह दिन जिले के उन 112 परिवारों के लिए बहुत ही मनहूस था, जिनके सदस्य जहरीली शराब पीने से मौत के मुंह में चले गए या फिर उनकी आंखों की रोशनी सदा के लिए चली गई। जिंदगी में ताउम्र के लिए अंधेरा छा गया। जहरीली शराब से तरनतारन जिले में 112 लोगों की मौत को शनिवार को एक साल हो गया मगर आज भी इन गांवों में हालात वही हैं। मौत का तांडव देख चुके लोग ही फिर मौत खेल रहे हैं। शाम होते गांवों में देसी शराब बनाने की भट्ठियां चलने लगती हैं।

ग्राउंड रिपोर्ट : जहरीली शराब से मौत का मामले के बाद हालात की पड़ताल

दैनिक जागरण ने घटना के एक साल बाद वीरवार को जिले के उन गांवों में पड़ताल की, जहां पर जहरीली शराब से सबसे अधिक मौतें हुई थीं। गांव पंडोरी गोला में नौ, संघा में चार, नौरंगाबाद में आठ, भुल्लर में आठ, कक्का कंडियाला में सात, शहर के मोहल्ला गोकुलपुरा में छह, मुरादपुर में सात व गुरु तेग बहादुर नगर में छह लोगों की अवैध शराब से मौत हुई थी।

उन गावों में बेरोकटोक चल रहा अवैध शराब का धंधा, जहां जहरीली शराब से हुई थी मौतें

पुलिस प्रशासन ने भले ही सख्ती के कई दावे किए, परंतु दैनिक जागरण की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया है कि सूरज ढलते ही गांवों में अवैध शराब निकालने के लिए भट्ठियां शुरू हो जाती हैं। इन गांवों में पुलिस की रेड बहुत कम होती है। अगर होती भी है तो पहले से ही गांवों में फोन की घंटियां बज जाती हैं और तस्करों को रेड की जानकारी पुलिस के पहुंचने से पहले मिल जाती है। इन गांवों में कुछ रसूख वाले ऐसे लोग भी हैं, जिनके घरों में शराब की भट्ठियां पक्के तौर पर फिट की गई हैं। यहां जरूरत के मुताबिक भट्ठी चालू करके देसी शराब तैयार की जाती है।

अवैध शराब से मोटी कमाई कर रहे तस्कर

जहरीली शराब से लोगों की मौत के बाद अवैध शराब का कारोबार थमा नहीं। केवल महंगी हुई है तो प्लास्टिक की वह थैली, जिसमें शराब डालकर बेची जाती है। पहले यह 100 रुपये में बिकती थी। अब उसका दाम 200 से 250 रुपये तक पहुंच गया है। 20 रुपये में बिकने वाली गिलासी अब 35 से 40 रुपये में बेची जाती है। प्लास्टिक की थैली में एक बोतल, आधी बोतल व क्वार्टर के हिसाब से शराब बिक रही है।

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अवैध शराब बनाने वालों को बख्शेंगे नहीं : एसएसपी

'' अवैध शराब के मामले में पुलिस की ओर से पूरी सख्ती बरती जाती है। डीएसपी रैंक के अधिकारी की अगुआई में पुलिस टीमें समय-समय पर गांवों में छापामारी की जाती है। अवैध शराब के मामले में पूरी सख्ती बरती जाती है। ऐसे लोगों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

                                                                                          - ध्रुमन एच निंबाले, एसएसपी, तरनतारन। 

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