सिख कत्लेआम पर अमिताभ बच्चन का कथित पत्र आया सामने, जानें 10 साल पहले क्या लिखा था
Amitabh Bachchan letter on Sikh massacre बालीवुड स्टार अमिताभ बच्चन के दान देने को लेकर सिख राजनीति में हंगामा मचा हुआ है। इन सबके बीच खुलासा हुआ है कि अमिताभ ने सिख कत्लेआम को लेकर खुद पर लगे आरोपों को 10 साल पहले पत्र लिखकर नकारा था।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 20 May 2021 08:13 AM (IST)
अमृतसर, जेएनएन। बालीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) द्वारा दान में दिए गए करोड़ों रुपये काे लेकर सिख राजनीति में बवाल मचा हुआ है। अमिताभ बच्चन पर 1984 के सिख कत्लेआम (1984 Anti Sikh Riots) को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस बीच पूरे मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अमिताभ बच्चन ने 10 साल पहले पूरे मामले में पत्र लिखकर खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया था। अमिताभ बच्चन का यह कथित पत्र अब सामने आया है और इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ हैै।
2011 में श्री अकाल तख्त साहिब को भेजा गया पत्र आया सामने, आरोपों को किया था खारिज
अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan)की ओर से वर्ष 2011 में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को भेजा गया पत्र सामने आया है। यह पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया गया है। पत्र में अमिताभ बच्चन की ओर से उनपर लगे सिख कत्लेआम के लिए भीड़ को उकसाने वाले आरोपों पर अपना स्पष्टीकरण दिया है। यह पत्र उन्होंने मुंबई निवासी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य गुरिंदर सिंह बावा के माध्यम से श्री अकाल तख्त साहिब को भेजा था।
इंटरनेट मीडिया पर वायरल कथित रूप से अमिताभ बच्चन द्वारा लिखे गए पत्र की कापी।
मुंबई निवासी एसजीपीसी सदस्य गुरिंदर सिंह बावा द्वारा भेजा गया था यह पत्रपत्र में अमिताभ बच्चन ने साफ कहा था कि वह सिख कौम को ठेस पहुंचाने के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकते। 1984 में सिख कत्लेआम के दौरान उन पर हिंसा भड़काने के लगाए जा रहे आरोप गलत हैं। यह पत्र उस समय सामने आया है, जब अमिताभ बच्चन की तरफ से दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को 12 करोड़ रुपये दान में दिए गए हैं।
मनजीत सिंह जीके द्वारा इस संबंधी श्री अकाल तख्त साहिब पर मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ पत्र भी दिया गया था। इसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने यह दान सिख रिवायतों के खिलाफ लिया है क्योंकि अमिताभ बच्चन सिख विरोधी हैं।भावुक मन से लिखा था पत्रअमिताभ बच्चन ने भावुक होते हुए तीन पन्नों के इस पत्र में लिखा था कि 1984 सिख कत्लेआम के दौरान उनके विरुद्ध हिंसा भड़काने में शामिल होने के गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। इन आरोपों ने उन्हें काफी दुख पहुंचाया है। वह यह पत्र काफी दुखी होकर लिख रहे हैं। यह पत्र उन्होंने उस समय लिखा जब खालसा पंथ के जन्म स्थान श्री आनंदपुर साहिब में ऐतिहासिक खालसा विरासत कांप्लेक्स के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए उन्हें पंजाब सरकार की ओर से निमंत्रण भेजा गया था।
इंटरनेअ मीडिया पर वायरल कथित रूप से अमिताभ बच्चन द्वारा लिखे गए पत्र की कापी। उन्होंने यह निमंत्रण स्वीकार भी कर लिया था और वह इस कार्यक्रम में आना चाहते थे। बाद में उन्होंने इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि वह इस ऐतिहासिक समागम में किसी शर्मिंदगी का कारण नहीं बनना चाहते थे। जब समागम खत्म हो गया तो उन्होंने अपने ऊपर लगाए आरोपों का खंडन किया था।
इंटरनेट मीडिया पर कथित रूप से अमिताभ बच्चन द्वारा लिखे गए पत्र की कापी। उन्होंने पत्र में साफ तौर पर लिखा कि नेहरू-गांधी परिवार के साथ उनके संबंध रहे हैं। हर सुख-दुख में वह एक-दूसरे के घर आते जाते थे। उन्होंने लिखा कि 1984 में सिख विरोधी दंगों की घटना देश के इतिहास में हमेशा एक धुंधला और एक काला अध्याय है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि वह सिखों की भावनाओं को कभी आहत नहीं कर सकते, क्योंकि उनका परिवार उन्हें सिखी बारे ही बताता रहा है।
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