Punjab Lok Sabha Election 2024: एक साल में दो चुनाव, BJP मत प्रतिशत बढ़ाने में रही कामयाब; SAD को लगा झटका
Punjab Lok Sabha Election 2024 एक साल में लड़े गए दो चुनाव में भाजपा अधिकांश इलाकों में अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने में कामयाब रही है लेकिन अकाली दल को कई जगह नुकसान उठाना पड़ा है। अकाली दल का वोट प्रतिशत साल 2022 में 20.40 प्रतिशत के मुकाबले गिर कर 17.36 प्रतिशत पर आ गया। देहात इलाकों में भी भाजपा ने एक साल में करीब पांच गुणा तक बढ़ी है।
जगजीत सिंह सुशांत, जालंधर। Punjab Lok Sabha Election 2024: शिरोमणि आकली दल और भारतीय जनता पार्टी में गठबंधन की चर्चा के बीच राजनीतिक विशेषज्ञ दोनों पार्टियों के अलग-अलग होकर लड़े चुनावों के आंकलन में जुट गए हैं। बीते एक साल में दो चुनाव लड़े गए हैं। वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव और वर्ष 2023 में लोकसभा उपचुनाव। वर्ष 2022 के चुनाव में शिअद ने जालंधर की नौ में से तीन सीटें करतारपुर, जालंधर वेस्ट और जालंधर नार्थ बसपा के लिए छोड़ी थीं।
शिअद को उठाना पड़ा काफी नुकसान
एक साल में लड़े गए दो चुनाव में भाजपा अधिकांश इलाकों में अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने में कामयाब रही है, लेकिन अकाली दल को कई जगह नुकसान उठाना पड़ा है। भाजपा को जालंधर संसदीय सीट के तहत आती नौ सीटों पर सहयोगी दलों के साथ 12.05 प्रतिशत वोट मिले थे। करीब एक साल बाद ही जब भाजपा के चेहरे पर संसदीय चुनाव लड़ा गया तो वोट प्रतिशत बढ़ कर 15.73 हो गया। एक साल में ही भाजपा करीब 3.68 प्रतिशत वोट बढ़ाने में कामयाब रही।
भाजपा को साल 2002 के चुनाव के मुकाबले सिर्फ जालंधर वेस्ट में नुकसान उठाना पड़ा। वहीं अकाली दल का वोट प्रतिशत साल 2022 में 20.40 प्रतिशत के मुकाबले गिर कर 17.36 प्रतिशत पर आ गया। अकाली दल को आदमपुर, शाहकोट में सबसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा, जबकि यह अकाली दल के गढ़ रहे हैं। ऐसे में दोबारा गठबंधन की स्थिति में भाजपा का सीट पर दावा बढ़ सकता है। देहात इलाकों में भी भाजपा ने एक साल में करीब पांच गुणा तक बढ़ी है।
फिल्लौर में भाजपा का वोट डबल
फिल्लौर में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा है। ग्रामीण क्षेत्र में भी पार्टी का आधार धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद बढ़ी। इसके अलावा फिल्लौर में अकाली दल को भी थोड़ा फायदा हु़आ है।
नकोदर में भाजपा को छह गुणा लाभ
नकोदर में भाजपा के चुनाव चिन्ह पर एक साल में ही वोट साढ़े 6 गुणा बढ़ गया। 2022 में नकोदर की सीट भाजपा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के उम्मीदवार को दी थी। वहीं, 2023 के उपचुनाव में भाजपा को छह गुणा तक अधिक वोट मिले। अकाली दल का वोट करीब ढाई प्रतिशत कम हुआ है।शाहकोट में अकाली दल को बड़ा झटका
शहकोट में भाजपा को करीब पांच गुणा ज्यादा वोट मिले। एक साल में भाजपा ने देहात में विरोध कम कर आगे बढ़ने में सफलता हासिल की। शाहकोट करीब 20 साल अकाली दल का अभेद किला रहा लेकिन वोट प्रतिशत में लगातार गिरावट आ रही है। साल 2022 के मुकाबले 2023 में अकाली दल के 11 प्रतिशत वोट कम हुए।यह भी पढ़ें: Punjab Liquor Case: संगरूर शराब कांड में पंजाब पुलिस ने पकड़े दो और सप्लायर्स, अब तक 10 आरोपियों पर कसा जा चुका शिकंजा
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