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Navjot Sidhu अब चुप्पी के लिए सुर्खियों में, जेल में पूरे नवरात्र रखेंगे मौन व्रत, लोगों से दशहरा के बाद मिलेंगे

पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पूरे नवरात्र मौन व्रत पर रहेंगे। यह जानकारी उनकी पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू ने उनके ही ट्विटर अकाउंट के जरिये दी है। सिद्धू रोड रेज के मामले में पटियाला जेल में बंद हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Mon, 26 Sep 2022 04:17 PM (IST)
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पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला जेल में बंद हैं। फाइल फोटो
आनलाइन डेस्क, जालंधर। कभी अपने बड़बोलेपन के लिए जाने जाते पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू सोमवार से अगले नौ दिन मौन व्रत पर रहेंगे। इस दौरान वे किसी से नहीं मिलेंगे। रोड रेज के मामले में सिद्धू इस समय पटियाला जेल में बंद हैं। उनकी पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू ने उनके बारे में यह जानकारी दी है। डा. नवजोत ने सिद्धू के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके लिखा है कि मेरे पति नवरात्र के दौरान मौन व्रत पर रहेंगे और आगुंतकों से 5 अक्टूबर के बाद ही मिलेंगे। 5 अक्टूबर को ही दशहरा है।  

रोड रेज मामले में सिद्धू काट रहे एक साल की सजा

बता दें कि करीब 34 साल पुराने रोड रेज के मामले में नवजोत सिंह सिद्धू एक साल की सजा काट रहे हैं। हालांकि जेल में रहकर भी सुर्खियों में बने रहते हैं। कभी खराब तबीयत को लेकर तो कभी कैंटीन कार्ड के दुरुपयोग पर कैदियों की शिकायत को लेकर। 

विवादित रहा पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल

नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस ने वर्ष 2021 में पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाया था। उन्होंने पद संभालते ही तत्काली मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के लिए लामबंदी शुरू कर दी थी। वह खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी पाना चाहते थे लेकिन उनके नाम पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लगाई थी। चन्नी पंजाब के पहले दलित सीएम बने थे।

सिद्धू को देना पड़ा था पद से त्यागपत्र

वर्ष 2022 फरवरी में जब विधानसभा चुनाव आए तो सिद्धू ने खुद को कांग्रेस का सीएम फेस घोषित करवाना चाहा लेकिन हाईकमान नहीं माना। मात्र पांच महीने सरकार चलाने वाले चन्नी को ही सीएम फेस घोषित किया था। इस उठापठक का नुकसान कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ा। आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की। 117 सीटों की विधानसभा में कांग्रेस केवल 18 सीटें ही जीत सकी। बड़ी हार के बाद सिद्धू को अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था।  

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