माघी खत्म करेगी जालंधर का अंधेरा, रेलवे स्टेशन की लुक भी बदलेगी
आखिरकार शहर में एलईडी लाइट्स लगाने का प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। यहीं नहीं सिटी रेलवे स्टेशन की लुक भी बदलने की तैयारी है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : आखिरकार शहर में एलईडी लाइट्स लगाने का प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। यहीं नहीं सिटी रेलवे स्टेशन की लुक भी बदलने की तैयारी है। एलईडी लाइट्स लागाने का काम वीरवार-शुक्रवार को शहर में एक साथ 8 से 9 वार्डाें में में एक साथ शुरू होगा। शहर में करीब 70 हजार लाइट्स बदली जानी हैं।
यह प्रोजेक्ट 44 करोड़ रुपये का है। कंपनी ने अब तक 8500 लाइट्स जालंधर मंगवा ली हैं। किसान आंदोलन के कारण दिल्ली बार्डर करीब डेढ़ महीने से बंद रहने से एलईडी लाइट्स जालंधर पहुंचने में देरी हुई है। जो लाइट्स मंगवाई गई हैं वह भी छोटे वाहनों में दूसरे रास्तों से आई। एलईडी लाइट्स लगाने का काम 30 नवंबर को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर शुरू हुआ था लेकिन लाइट्स ना आने के कारण रुक गया। अब मकर सक्रांति पर दोबारा शुरू किया जा रहा है।
इस बारे आपरेशन एंड मेटिनेंस ब्रांच ने मंगलवार को मीटिग करके उन वार्डों के लिए प्लानिग की जो वार्ड विधायकों ने अपने-अपने हलकों में काम शुरू करवाने के लिए सुझाए हैं। इससे पहले यह प्रोजेक्ट साल 2016 में शुरू हुआ था लेकिन साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी और कांग्रेस सरकार ने अकाली-भाजपा सरकार के एलईडी लाइट्स प्रोजेक्ट को रद कर दिया था। अब यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी कंपनी ने तैयार किया है।
---------- इन इलाकों से होगी शुरूआत
एलइडी स्ट्रीट लाइट्स लगाने का काम शुरू करने के लिए विधायकों ने अपने-अपने इलाकों के नाम दे दिए हैं। विधायक परगट सिंह ने किसी भी वार्ड से काम शुरू करवाने की बजाए दो तरफ से काम शुरू करवाने का प्लान दिया है। इसके तहत शहर के इलाके में गुरु रविदास चौक और निगम में शामिल गांवों से में से एक गांव से काम शुरू होगा। विधायक राजिदर बेरी ने जालंधर सेंट्रल हलके के लिए वार्ड 9 और 10 का इलाका तय किया है। विधायक बावा हैनरी ने तीन वाडों में एक साथ काम शुरू करवाना है। यह वार्ड नंबर 53, 54 और 55 हैं। ------------
निगम कंप्लेक्स में होगा कंट्रोल रूम
एलईडी लाइट्स लगाने का ठेका लेने वाली कंपनी का कंट्रोल रूम नगर निगम में ही होगा। निगम में इसके लिए एक कमरा कंपनी को अलाट होगा। कंपनी के तकनीकी मुलाजिम यहां बैठेंगे और शहर में एलईडी लाइट्स की मानिटरिंग करेंगे। निगम कंप्लेक्स में कंट्रोल रूम बनाने का कारण यही हैं कि यह निगम के कंट्रोल में रहेगा और निगम अफसर भी समय-समय पर इाकी मानिटरिग करते रहेंगे।
--------- अंधेरा होते ही अपने आप ऑन होंगी
एलईडी लाइट्स लगाने से कई काम आटोमेटिक हो जाएंगे। लाइट्स को आन-आफ करने का सिस्टम कंट्रोल रूम ही रहेगा लेकिन वर्किंग ऐसी होगी कि शाम को जैसे-जैसे रोशनी कम होती जाएगी लाइट्स अपने आप आन हो जाएंगी। इसी तरह सुबह रोशनी होने पर लाइट्स बंद हो जाएंगी। ठेका कंपनी एचपीएल इलेक्ट्रिक एंड पावर लिमिटेड के स्टाफ ने शहर में सर्वे पूरा कर लिया है। सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक जरूरत के हिसाब से 18, 35 और 70 वाट की लाइटें लगाई जाएंगी।
-------
पता चलेगा शहर में कहां-कहां लाइट्स बंद
नई तकनीक से यह भी पता चलता रहेगा कि शहर में कहां-कहां लाइटस खराब हैं। इसकी जानकारी कंट्रोल रूम में मिलती रहेगी और इसे तुरंत ठीक करवाया जा सकेगा। बिजली के हर मीटर पर लाइटों का लोड फीड किया जा रहा है। अगर किसी इलाके में बिजली चोरी से लोड बढ़ता है तो कंट्रोल रूम में तुरंत सूचना आएगी। लाइटस की पांच साल की मेंटीनेंस भी कंपनी करेगी जिसके लिए प्रति प्वाइंट के हिसाब से निगम फीस देगा।
-----------
मेयर आज मीटिग में लेंगे वर्किंग प्लान
मेयर जगदीश राजा एलईडी लाइट्स बदलने के काम की प्लानिग बुधवार को फाइनल करेंगे। मेयर ने कहा कि वीरवार या शुकवार को दोबारा लाइटस लगाने का काम शुरू होगा। मेयर ने कहा कि बुधवार को मीटिग करके रूपरेखा फाइनल कर लेंगे। मेयर ने कहा कि उन्होंने तय किया है कि अपने और पत्नी अनिता राजा के वार्ड में सबसे आखिर में लाइट्स लगावाएंगे।
--------
फैक्ट्स
प्रोजेक्ट की लागत : 44 करोड़
लाइट्स बदली जाएंगी : 70 हजार
मौजदा बिजली बिल : 20 करोड़ सालाना
बिल में बचत : 10 करोड़ सालाना
समय सीमा : एक साल
नया एरिया : कैंट के 11 गांव भी शामिल ------------
रेलवे स्टेशन की पार्किंग भी दोबारा तैयार होगी
सिटी रेलवे स्टेशन को माडर्न स्टेशन का लुक देने के प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू होने वाला है। तय किए गए प्रोजेक्ट के मुताबिक स्मार्ट सिटी कंपनी ने रेलवे को कारीब 6 करोड़ रुपये के फंड ट्रांसफर कर दिए हैं। रेलवे स्टेशन के फ्रंट को बिल्कुल नया रूप दिया जाएगा। स्टेशन के सामने की जमीन पर नए सिरे से पार्किंग विकसित की जाएगी। हालांकि अभी भी यह पार्किंग के रुप मे ही इस्तेमाल हो रही है लेकिन व्यवस्था ना होने के कारण यहां ट्रैफिक की समस्या रहती है और गाड़ियां भी अस्त व्यस्त खड़ी होती हैं।