Punjab की सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहे ओवरलोड वाहन, बुझ चुके हैं कई घरों के चिराग
शहर में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आरटीओ विभाग की लापरवाही जितनी है उतनी ही लापरवाही पुलिस विभाग की भी है। ट्रैफिक पुलिस ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई करने की बजाए शहर में चालान काटने पर लगी रहती है। ओवरलोड वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए पुलिस प्रशासन दावे तो करता है लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Tue, 22 Aug 2023 07:00 AM (IST)
सुक्रांत, जालंधर: शहर में ओवरलोड वाहन लोगों की मौत बन कर घूम रहे हैं। बीते चार साल में कई ऐसे हादसे हो चुके हैं जिनकी वजह से कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं। एक तरफ खस्ताहाल सड़कें और ऊपर से ओवरलोड वाहन, रोज किसी न किसी दुर्घटना का कारण बन रहे हैं।
बड़े वाहन तो शहर में सुबह आठ से रात आठ बजे तक प्रवेश नहीं कर सकते लेकिन ओवरलोड वाहन तो दिन भर शहर में नहीं आ सकते। हर साल सैंकड़ों लोग निगम, जिला और ट्रांसपोर्ट प्रशासन की लापरवाही के शिकार हो रहे हैं। शहर के जीटी रोड से लेकर हाईवे व चौराहों में ओवरलोडेड वाहन गुजरते आम देखे जा सकते हैं और प्रशासन आंखों मूंद कर बैठे हुए हैं।
प्रशासन कई तरह के नियम बनाता है लेकिन वो कागजों तक ही सीमित रहते हैं और सड़कों पर घूम रहे ओवरलोड वाहन इन नियमों की अवहेलना करते हुए निकलते हैं। छोटे वाहनों के लिए परेशानी बनने वाले ओवरलोड वाहनों को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने कभी गंभीरता नहीं लिया जिसका खामियाजा कई लोगों को भुगतना पड़ा है।
Punjab News: अधर में लटकी पंजाब की कृषि नीति पर विधानसभा की कमेटी आज करेगी चर्चा
तय क्षमता से अधिक सामान लेकर और वाहनों को माडीफाई कर अतिरिक्त सामान भी लोड कर निकल रहे वाहन सड़कों पर घूमते हैं और दूसरों के लिए खतरा बने रहते हैं।
तय क्षमता से अधिक सामान लेकर और वाहनों को माडीफाई कर अतिरिक्त सामान भी लोड कर निकल रहे वाहन सड़कों पर घूमते हैं और दूसरों के लिए खतरा बने रहते हैं।
चालान काटने तक ही रहती है पुलिस की कार्रवाई
शहर में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आरटीओ विभाग की लापरवाही जितनी है, उतनी ही लापरवाही पुलिस विभाग की भी है। ट्रैफिक पुलिस ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई करने की बजाए शहर में चालान काटने पर लगी रहती है। ओवरलोड वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए पुलिस प्रशासन दावे तो करता है लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।