पाकिस्तान ने 163 सिख श्रद्धालुओं को दिया वीजा, 8-17 जून तक पवित्र गुरुद्वारों के करेंगे दर्शन
पड़ोसी देश पाकिस्तान ने अपने यहां स्थिति पवित्र गुरुद्वारों के दर्शन के लिए 163 सिख श्रद्धालुओं को वीजा दिया है। 8-17 जून तक दौरे के दौरान श्रद्धालु विभिन्न धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेंगे। वे गुरुद्वारा पंजा साहिब ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब के दर्शन करेंगे।
By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Tue, 07 Jun 2022 12:33 PM (IST)
जालंधर, जेएनएन/एएनआइ। पाकिस्तान स्थिति गुरुद्वारों में होने वाले धार्मिक समारोहों में हिस्सा लेने लेने के लिए पड़ोसी देश ने 163 सिख श्रद्धालुओं को वीजा दिया है। ये आयोजन 8-17 जून तक संपन्न होंगे। पाकिस्तानी उच्चायोग ने श्री गुरु अर्जुन देव जी शहादत दिवस के मौके पर यह कदम उठाया है। दूतावास प्रमुख आफताब हसन खान ने सभी श्रद्धालुओं को सुखद यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी।
नई दिल्ली से जारी ये वीजा अन्य देशों के सिख यात्रियों के अलावा हैं। यात्रा के दौरान सिख श्रद्धालु गुरुद्वारा पंजा साहिब, गुरुद्वारा ननकाना साहिब और गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करेंगे। यात्रा 8 जून को शुरू होगी और 17 जून को संपन्न हो जाएगी। इससे पहले अप्रैल में बैसाखी उत्सव में भाग लेने के लिए पाकिस्तान ने लगभग 2200 सिख श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया था।
बता दें कि पाकिस्तान समय-समय पर सिख श्रद्धालुओं को अपने यहां स्थिति गुरुद्वारों के दर्शन करने के लिए जत्थों को वीजा जारी करता है। पिछले साल नवंबर श्री गुरु नानक जयंती पर उसने करीब 8000 सिखों को वीजा जारी किए थे।
देश के विभाजन के बाद कई प्रमुख गुरुद्वारे पाकिस्तान के हिस्से में पड़े थे। यही कारण है कि बड़ी संख्या में विश्व भर से सिख पाकिस्तान इन गुरुद्वारों के दर्शन करने हर वर्ष पहुंचते हैं। इन्हीं में से एक गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को दोनों देशों की सहमति से वर्ष 2019 में खोला गया था। यह गुरुद्वारा भारत सीमा से मात्र तीन किमी दूर पाकिस्तान के नारौवाल जिले में स्थित है। भारतीय पंजाब सहित दुनिया भर से यहां रोजाना सिख श्रद्धालु दर्शन करने को पहुंचते हैं।
वीजा जारी करने को लेकर पाकिस्तान करता है भेदभाव
बड़ी बात यह है कि वीजा जारी करने को लेकर पाकिस्तान हिंदू और सिखों में भेदभाव करता है। वह गुरुद्वारों के दर्शन करने के इच्छुक हिंदू श्रद्धालुओं को वीजा जारी नहीं करता। हिंदू संगठन कई बार सरकार के समक्ष उठा चुके हैं।
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