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Ravi River: पाकिस्‍तान अब लड़ रहा पानी की जंग, स्‍टड व पत्‍थर लगाकर मोड़ रहा रावी नदी का बहाव, पंजाब में फसले बर्बाद

Ravi River पाकिस्‍तान अब भारत के साथ पानी की जंग लड़ रहा है। वह पंजाब से पाकिस्‍तान में प्रवेश करने वाली रावी नदी में उफान आने के बाद उसके बहाव को मोड़ने में जुटा है। पाकिस्‍तान स्‍टड व पत्‍थर लगाकर नदी के बहाव को पंजाब की ओर मोड़ रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Mon, 22 Aug 2022 03:34 PM (IST)
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पाकिस्‍तान की ओर से रावी नदी के बहाव को मोड़ने से पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र में आया पानी। (जागरण)

डेरा बाबा नानक, [महेंद्र सिंह अर्लीभान]। Ravi River Flow: पाकिस्‍तान ने अब भारत के खिलाफ 'पानी की जंग' छेड़ दी है। वह ऊफान पर आई रावी नदी के बहाव को भारतीय क्षेत्र की ओर मोड़ रहा है। इससे पंजाब में फसलाें को भारी नुकसान हो रहा है और खेतों में कटाव से किसान परेशान हैं। पाकिस्‍तान अपने क्षेत्र में रावी नदी के किनारे स्‍टड और बड़े-बड़े पत्‍थर लगाकर कर नदी के बहाव को भारत के पंजाब की ओर मोड़ रहा है।  बता दें कि पहाड़ों पर बारिश के कारण रावी नदी में जलस्‍तर बढ़ गया है।     

पंजाब के गुरदासपुर के सीमावर्ती इलाकों में पानी के तेज बहाव के चलते फसलें नष्‍ट हुईं, जमीन में कटाव

भारत पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते पंजाब के गुरदासपुर जिले के क्षेत्रों में रावी और उज्‍ज दरिया का पानी तबाही मचा रहा है। हिमाचल में हुई बारिश के रावी नदी ऊफान पर है और उज्ज दरिया का पानी छोड़ने के कारण  किसानों की फसल व सीमा पर लगी कंटीली तार प्रभावित हुई है।  इन सबके बीच पाकिस्‍तान ने अपने यहां रावी नदी में ऊफान से बचने के लिए इसके बहाव को भारतीय क्षेत्र की ओर मोड़ने का 'खेल' शुरू कर दिया। 

पंजाब के गुरदासपुर जिले के सीमावर्ती एक गांंव में भरा रावी नदी का पानी। (जागरण)  

सीमा पर बीएसएफ व सेना के पोस्‍टों को भी नुकसान पहुंचाने की नीयत

दरअसल, देश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ व भारतीय सेना सुरक्षा के लिए तैनात है। ऐसे में पाकिस्तान ने अपनी नई शरारत शुरू कर दी है। इसके तहत उसने पानी की जंग छेड़ने के मनसूबे के साथ रावी दरिया के पानी का रुख भारतीय क्षेत्र की ओर मोड़ने में जुट गया है। वह नदी के किनारे बड़े -बड़े पत्थर व स्‍टड का इस्‍तेमाल कर रहा है।

पाकिस्‍तान में सहारनपुर चौकी के सामने बनाया जा रहा बांध। (फाइल फोटो) 

रावी नदी में उफान से पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र में दर्जनों गांवों मेंं फसलें बर्बाद हुईं

जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के नारोवाल जिले के खानपुर से रावी दरिया भारत की चौंतरा आदिया में प्रवेश करती है। रावी के तेज पानी के कारण पिछले समय के दौरान गांव आदियां, कमालपुर जट्टां, रोसे पकीवां, चंदू वडाला, मोमनपुर, मेतला, घनिए के बांगर, गुरचक्क व घोनेवाल आदि दर्जनों गांवों के किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन खराब हो चुकी है। भारत के इंजीनियरों की ओर से रावी दरिया के पानी से आनेवाली बाढ़ को रोकने के लिए प्रबंध किए गए हैं और दूसरी ओर , पाकिस्‍तानी क्षेत्र में वहां के इंजीनियरों ने रावी का बहाव भारत की ओर मोड़ने के लिए नदी के किनारे ऊंचे-ऊंचे पत्थरों को लगाया हुआ है। 

पाकिस्‍तान सेना की ओर से रावी नदी पर धुसी बांध बनाया

सूत्रों के अनुसार पाकिस्‍तानी सेना की ओर से धुसी बांध से रावी दरिया के पानी का बहाव मोड़ने के लिए पुख्‍ता प्रबंध किए गए हैं। इस वजह से भारतीय क्षेत्र में रावी दरिया के तेज बहाव से खेती की जमीन में कटाव हो रहा है।  हालात किसानों के लिए बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है।

1985 में पाकिस्‍तान ने बनाया था 20 किमी लंबा हाजीपुर गुज्‍जरांवाला बांध

बता दें कि 1985 में पाकिस्तान की ओर से अपनी तरफ 20 किलोमीटर लंबा हाजीपुर गुज्जरांवाला बांध बनाने के बाद पानी का रुख भारतीय क्षेत्र की ओर हो गया था। इससे रावी दरिया के पानी से गुरदासपुर के कलानौर ब्‍लाक के गांव रोसा के बीएसएफ कांप्लेक्स व किनारों में कटाव होने से दर्जनों गांव डूब गए थे। इससे इन गांवों के लोगों का जानी व माली नुकसान हुआ था।

रावी नदी के पानी से प्रभावित गांवों के किसानों ने बताए हालात

रावी दरिया के पानी के साथ प्रभावित हुए गांवों में आदियां, बाऊपुर, पकीवां, कमालपुर जट्टां, लोपा, मोमनपुर, मेतला, गुरचक्क , घनिए के बेट गांव शामिल हैं। इन गांवों के किसान नंबरदार जगीर सिंह, सरपंच प्रभशरण सिंह, बलदेव सिंह, बलविंदर सिंह, कुलदीप सिंह, हरजीत सिंह, परमजीत सिंह, जसबीर सिंह, हरभजन सिंह, जरनैल सिंह, गुरमीत सिंह, सुखवंत सिंह, पलविंदरपाल सिंह, महेंद्र सिंह, ज्ञान सिंह, बचन सिंह, प्यारा सिंह, निर्मल सिंह आदि ने बताया कि उनकी जमीन रावी दरिया की भेंट चढ़ गई है।

यह भी पढ़ें: Dam on Ravi River: पाकिस्‍तान की नई शरारत, रावी नदी का बहाव रोकने को सीमा पर बना रहा बांध, भारत को नुकसान का खतरा

उन्होंने कहा कि गांव चंदू वडाला, गुरचक्क, आदि स्थानों पर कांग्रेस सरकार के दौरान स्टड बनाए गए थे। इसके बावजूद पाकिस्तान की ओर बनाए गए ऊंचे-ऊंचे पत्थरों के किनारों के चलते पानी का रुख भारतीय क्षेत्र की ओर हो जाता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि कटाव का शिकार हुए खेतों व जमीन की गिरदावरी करवा कर उन्‍हें उचित मुआवजा दिलाया जाए।

इस संबंध में ड्रेन विभाग के एसडीओ अमित लूना ने बताया कि विभाग की ओर से रावी दरिया के तेज बहाव पानी से जमीनों का कटाव रोकने के लिए पिछले दिनों गुरचक्क, नंगली व कमारपुर जट्टां में करीब 19 टी स्टड व रिवैटमेंट का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही स्टड्स की मरम्मत की गई है।

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