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रोक केवल सरकारी पर, बस स्टैंड के काउंटर से धड़ल्ले से चल रहीं हैं प्राइवेट एसी बसें

निजी बस ऑपरेटर्स का सारा ध्यान सवारी इकट्ठी करने पर ही लग रहा है। कई कंडक्टरों के पास थर्मल स्कैनर तक नहीं है।

By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Wed, 10 Jun 2020 01:42 PM (IST)
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रोक केवल सरकारी पर, बस स्टैंड के काउंटर से धड़ल्ले से चल रहीं हैं प्राइवेट एसी बसें
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। करोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए एसी बसों के संचालन पर लगी रोक केवल सरकारी बसों पर ही लागू होती दिखाई दे रही है। निजी बस ऑपरेटर धड़ल्ले से सरकार के ही बस स्टैंडों से एसी बसों का संचालन कर रहे हैं। लगभग दोगुने किराए में यात्री काउंटर पर एसी बस लगाकर बुकिंग की जा रही है। पंजाब रोडवेज का अपना बस स्टैंड होने के बावजूद भी सरकारी मशीनरी नियमों के इस घोर उल्लंघन को लेकर कोई कार्रवाई करती नहीं दिखाई दे रही है।

शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटर स्टेट बस टर्मिनल के ऊपर इन दिनों चंडीगढ़-अमृतसर एवं जालंधर-लुधियाना रूट के ऊपर निजी वातानुकूलित बसों का संचालन होता साफ देखा जा सकता है। निजी बस ऑपरेटर यात्रियों के इंतजार में लंबे समय तक काउंटरों के ऊपर अपनी वातानुकूलित बसें खड़ी रख रहे हैं। कंडक्टर ऊंची आवाज में यात्रियों को बस में सवार होने के लिए बुला रहे हैं।

सवारी बिठाने पर ध्यान, भूले थर्मल स्कैनिंग और शारीरिक दूरी

यात्रियों को बस में सवार करवाने से पहले उनका तापमान चेक करना और शारीरिक दूरी के सिद्धांत को बनाए रखना भी उदासीनता के दायरे में आ रहा है। सारा ध्यान सवारी इकट्ठी करने पर ही लग रहा है। कई निजी बसों के कंडक्टरों के पास थर्मल स्कैनर तक नहीं है।

खास यह है कि निजी बस ऑपरेटर वातानुकूलित बसों के संचालन में उस नोटिफिकेशन को आधार बना रहे हैं जिसमें सरकार की तरफ से लिखा गया है कि तमाम स्टेज कैरिज परमिट वाली बसें सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक संचालित की जा सकती हैं। निजी बस ऑपरेटर और अफसरशाही स्टेट कैरिज परमिट शब्द का कुछ इस तरह से विश्लेषण कर रहे हैं कि इसमें तमाम साधारण एवं वातानुकूलित बसें शामिल हैं। पंजाब रोडवेज खुद वातानुकूलित बसों का संचालन किस वजह से नहीं कर रही है, इस बारे में कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।

मुलाजिम बोले- अफसर ही लगा सकते हैं निजी बसों पर रोक

रोडवेज मुलाजिमों ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर कहा कि वह तो छोटे मुलाजिम है और उन्हें पता भी है कि निजी वातानुकूलित बसों का संचालन बिना अनुमति के हो रहा है। बावजूद वह कुछ नहीं कर सकते। हां, अफसर चाहे तो रोक लगा सकते हैं।

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