पंजाब में शराब के शौकीनों को सरकार दे सकती है बड़ी राहत, जुलाई से दामों में भारी गिरावट की संभावना
पंजाब की नई एक्साइज पालिसी में अंग्रेजी शराब की बिक्री के लिए शराब ठेकेदारों के लिए लाइसेंस सिस्टम लागू किया जा सकता है। ठेकेदार सुविधा के मुताबिक शराब की मात्रा की बिक्री कर सकेंगे। एक्साइज ड्यूटी कम किए जाने से दाम आधे तक होने की बात कही जा रही है।
By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Sat, 28 May 2022 06:11 PM (IST)
मनुपाल शर्मा, जालंधर। पंजाब की भगवंत मान सरकार शराब और बीयर पीने के शौकीनों को खुशखबरी दे सकती है। आम आदमी पार्टी की सरकार एक जुलाई से नई एक्साइज पालिसी लागू कर सकती है। एक जुलाई से पंजाब में लागू की जाने वाली एक्साइज पॉलिसी में अंग्रेजी शराब का फिक्स कोटा सिस्टम खत्म किया जा सकता है। इससे पंजाब में अंग्रेजी शराब और बियर की कीमतों में भारी गिरावट आने की संभावना है।
एक्साइज विभाग की तरफ से तैयार की जा रही एक्साइज पालिसी में अंग्रेजी शराब की बिक्री के लिए शराब ठेकेदारों के लिए लाइसेंस सिस्टम लागू किया जा सकता है। इसमें ठेकेदारों से एकमुश्त फीस वसूली जाएगी। लाइसेंस के एवज में ठेकेदार अंग्रेजी शराब और बियर की खुली बिक्री कर सकने में सक्षम होंगे। लाइसेंस सिस्टम लागू कर देने से शराब ठेकेदारों पर शराब का फिक्स कोटा बेचने की बाध्यता खत्म हो जाएगी और वह अपनी सुविधा के मुताबिक शराब की मात्रा की बिक्री कर सकेंगे।
मौजूदा एक्साइज पॉलिसी के मुताबिक शराब ठेकेदारों को विभाग की तरफ से फिक्स किए गए शराब के कोटे को खरीदना ही पड़ता है। अगर कोटे के मुताबिक शराब की बिक्री न भी हो पाए तो भी विभाग की तरफ से संबंधित शराब ठेकेदार से शराब की बिक्री पर वसूली जाने वाली फीस ले ली जाती है। ऐसे में कई बार शराब ठेकेदारों को नुकसान भी उठाना पड़ता है।
आधी हो सकती हैं शराब की कीमतेंनई पालिसी के मुताबिक ठेकेदारों को नुकसान से बचाने के लिए शराब की बिक्री को प्रोत्साहित किया जाएगा। नई पालिसी में इस बात की प्रबल संभावना है कि शराब के ऊपर वसूली जाने वाली एक्साइज ड्यूटी कम की जा सकती है। ऐसे में शराब की कीमत कम होगी और बिक्री में इजाफा होगा। कयास ही लगाए जा रहे हैं कि शराब की कीमत मौजूदा कीमतों से लगभग आधी हो सकती हैं।
दस हजार करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्यएक्साइज पॉलिसी में शराब की बिक्री से दस हजार करोड़ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित करने पर विचार किया जा रहा है। मौजूदा समय में एक्साइज से प्रतिवर्ष लगभग सात हजार करोड राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित है। एक्साइज विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कोटा सिस्टम की बजाए लाइसेंस सिस्टम लागू किए जाने की प्रबल संभावना है। पॉलिसी के मुताबिक शराब ट्रकों की बिक्री लाटरी की बजाए ई-टेंडरिंग के जरिए करवाई जाएगी। नई नीति को आगामी 20 जून को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में रखा जाएगा।
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