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Punjab Crime: बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता से जज ने पूछा क्या सजा दूं, सिर झुकाकर खड़ा रहा दोषी; जेल में कटेगी जिंदगी

जालंधर की एक अदालत ने एक पिता को अपनी ही नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है। डीएनए टेस्ट में दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया। अदालत ने इस मामले को जघन्य अपराध माना और कहा कि इस तरह के अपराधों के लिए कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

By sukrant safari Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 03 Sep 2024 10:39 PM (IST)
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Punjab Crime: दो साल पहले किया था बेटी के साथ दुष्कर्म

जागरण संवाददाता, जालंधर। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अर्चना कंबोज की अदालत ने मंगलवार को बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को अंतिम सांस तक जेल में बंद रहने की सजा सुनाई।

वर्ष 2022 में पीड़िता की मां ने पुलिस के पास शिकायत की थी। उसने आरोप लगाया था कि पति सोमनाथ 14 वर्षीय बेटी को डरा-धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म करता है।

पिता के डर के कारण पहले तो बेटी ने किसी को कुछ नहीं बताया लेकिन जब वह गर्भवती हो गई तो उसे इस बारे में पता चला।

इसके बाद वह पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंची। केस दर्ज होने के बाद आरोपित उस पर लगाए गए आरोपों से मुकर गया। इसके बाद अदालत के आदेश पर डीएनए टेस्ट करवाया गया। डीएनए की रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि बेटी से उसके पिता ने ही दुष्कर्म किया है।

अदालत ने 70 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया

अदालत में आरोप साबित होने पर सोमनाथ को उम्र कैद की सजा सुनाई है और 70 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक साल अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई गई है।

नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के मामले को अदालत जघन्य अपराध माना। इसलिए उसे अंतिम सांस तक जेल में बंद रहने की सजा सुनाई।

अदालत ने दोषी से पूछा भी कि बताओ इस जघन्य अपराध के लिए कितनी सजा सुनाई जाए। अदालत के इस सवाल पर वह सिर नीचे करके खड़ा रहा। इसके बाद उसे सजा सुनाई गई।

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