पंजाब में आतंकी लखबीर और उसके गुर्गों की धर-पकड़ शुरू, पुलिस ने तैयार की लिस्ट; NIA के हत्थे चढ़ा मुख्य साथी
Punjab Crime News पंजाब में आतंकी लखबीर से जुड़े गुर्गों की पुलिस ने लिस्ट बना ली है। लुधियाना पुलिस और एनआईए की टीम ने कई जगहों पर छापेमारी भी की। इस मामले से जुड़े एक मुख्य साथी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम ने गिरफ्तार किया है। आतंकी लखबीर और यादविंदर रंगदारी के लिए कारोबारियों को फोन किया करते थे।
जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब भर में रंगदारी के लिए धमकियों भरे फोन करवाने के मामले में नामजद आतंकी लखबीर और उसके साथी यादविंदर के सारे गुर्गो की पुलिस लिस्ट बना रही है।
इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस अलग-अलग जगह छापेमारी कर रही है। जालंधर पुलिस की एक टीम आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए तरनतारन में छापेमारी करने के लिए पहुंची। पुलिस ने वहां कई जगह पर छापेमारी की।
एक साथी गिरफ्तार
वहीं, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) पर नकेल कसते हुए, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज कई राज्यों में छापेमारी की और नामित आतंकवादी लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा से जुड़े एक प्रमुख सदस्य को गिरफ्तार किया।पुलिस ने आतंकी लखबीर और यादविंदर के कई स्वजनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल भेजने से पूर्व पुलिस ने उनसे पूछताछ के बाद विदेश में बैठे लखबीर और यादविंदर के संपर्क में आने वाले बाकी लोगों के भी लिस्ट बनवाई थी जिसके आधार पर पुलिस ने वहां पर छापेमारी की।
आरोपियों को लग गई थी भनक
बताया जा रहा है कि जिन लोगों की तलाश में जालंधर पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने वहां पर छापेमारी की उनको इसकी पहले भनक लग गई थी। इस दौरान वहां पर पुलिस ने आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ की लेकिन आरोपित नहीं मिले।वहीं, लखबीर और यादविंदर के नामजद किए सतबीर के रिश्तेदारों और उसके साथ जुड़े और लोगों के बारे में भी जालंधर पुलिस ने पता लगाकर छापेमारी की लेकिन उस मामले में भी जालंधर पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा।स्पेशल सेल की टीम ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए पिता, पुत्र तरनतारन निवासी महावीर सिंह और सज्जन सिंह के संपर्क में हने वाले लोगों के बारे में भी पता लगाकर उनकी भी तलाश शुरू कर दी है।
सज्जन सिंह, लखबीर और यादविंदर के संपर्क में रहकर रंगदारी लेने वालों की लिस्ट तैयार करता था और वहीं लखबीर और यादविंदर से फोन करवाता था। लखबीर और यादविंदर बताए गए लोगों को खुद रंगदारी के लिए फोन करते थे।
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