Punjab Election 2022: पंजाब में परिवारवाद पर चला झाड़ू; पिता-पुत्र, भाइयों और रिश्तेदारों की करारी हार
Punjab Assembly Election 2022 पंजाब में आप ने कई परिवारों की दशकों से चली आ रही राजनीति उखाड़ फेंकी है। पांच बार के सीएम प्रकाश सिंह बादल और पुत्र सुखबीर बादल लुधियाना के बैंस बंधु सीएम चन्नी और उनके भाई समेत कई दिग्गजों रिश्तेदारों को करारी हार मिली है।
By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Fri, 11 Mar 2022 08:37 PM (IST)
सुमित मलिक, जालंधर: पंजाब में बदलाव के जनादेश में परिवारवाद की राजनीति पर सबसे जोरदार प्रहार हुआ। जालंधर से सिर्फ सांसद संतोख चौधरी के बेटे विक्रमजीत चौधरी ही जीत दर्ज कर पाए। बाकी सभी छह सांसदों के रिश्तेदार हार गए। पिता-पुत्र की बात करें तो सिर्फ पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह कांग्रेस से और उनका बेटा राणा इंदर प्रताप आजाद लड़कर जीते हैं। बाकी सभी पिता पुत्र, सास-दामाद हार गए। दिग्गज नेताओं की विरासत का भी अंत हो गया। इसमें लंबी से प्रकाश सिंह बादल सबसे बड़ा नाम है। वे 1992 से लगातार जीत रहे थे।
गुरुहरसहाय से गुरमीत सिंह सोढ़ी चार बार कांग्रेस की टिकट पर जीते। इस बार वे भाजपा की टिकट पर फिरोजपुर शहरी से उतरे लेकिन हार गए। चमकौर साहिब से हैट्रिक बनाने वाले चन्नी भी सीट नहीं बचा पाए। अमलोह, गुरुहरसहाय व पटियाला की नाभा सीट दो दशक से कांग्रेस के पास थी, लेकिन इस बार आप ने तीनों जगह कांग्रेस को बुरी तरह से हराया है। तीनों सीट पर जीत का अंतर दस हजार से ज्यादा है।
सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपनी दोनों सीटों से हार गए। उनके भाई मनोहर सिंह भी बस्सी पठाना से हारे हैं।इनके अलावा सुजानपुर से भाजपा, फिल्लौर व आदमपुर से शिअद, टांडा व मोगा से हैट्रिक बनाने वाली कांग्रेस इस बार अपना किला बचाने में नाकाम रही। हालांकि, अमृतसर के राजासांसी से कांग्रेस का मान बचा रहा। यहां सुखबिंदर सिंह सुखसरकारिया जीते। मजीठा सीट पर भी लगातार चौथी बार शिरोमणि अकाली दल जीती। यहां से बिक्रम सिंह मजीठिया की पत्नी गुनीव कौर विजेता रही हैं।
बाप-बेटा दोनों हारे-प्रकाश सिंह बादल : लंबी : शिअद-सुखबीर बादल : जलालाबाद : शिअदतोता सिंह मोगा : धर्मकोट : शिअदबरजिंदर सिंह मक्खन बराड़: मोगा : शिअदप्रेम सिंह चंदूमाजरा : घन्नौर : शिअदहरिंदर सिंह चंदूमाजरा : सन्नौर : शिअदयहां बाप-बेटा दोनों जीते
राणा गुरजीत सिंह : कपूरथला : कांग्रेस
राणा इंदर प्रताप सिंह : सुल्तानपुर लोधी : आजादपत्नी जीती, पति हारे
गुनीव कौर : मजीठा : शिअदबिक्रम सिंह मजीठिया : अमृतसर पूर्वी : शिअदपति-पत्नी दोनों हारे
आत्मनगर : लिप से सिमरजीत सिंह बैंस व आजाद सुरेंद्र कौरकोटकपुरा : शिअद मान से जसकरण सिंह व आजाद धनवंत कौर
लुधियाना में बैंस बंधुओं- बलविंदर सिंह और सिमरजीत सिंह बैंस को हार मिली है।यहां दोनों भाई हारे
सिमरजीत सिंह बैंस : आत्मनगर : लिपबलविंदर सिंह बैंस : लुधियाना साउथसुखजिंदर सिंह लाली मजीठिया : मजीठा : आपजगविंदरपाल सिंह जग्गा मजीठिया : मजीठा : कांग्रेसचरणजीत सिंह चन्नी : चमकौर साहिब :कांग्रेसडा. मनोहर सिंह : बस्सी पठाना : आजाद
दोनों चचेरे भी हारेसुखबीर बादल : जलालाबाद : शिअद मनप्रीत बादल : बठिंडा शहरी : कांग्रेसयहां भाई जीता, दूसरे को मिली हार
प्रताप सिंह बाजवा : कादियां : कांग्रेसफतेहगढ़ बाजवा : बटाला : भाजपाविक्रमजीत सिंह चौधरी : फिल्लौर : कांग्रेसचौधरी सुरिंदर सिंह : करतारपुर : कांग्रेससास-दामाद दोनों हारे
राजिंदर कौर भट्ठल : लहरा : कांग्रेसविक्रम बाजवा : साहनेवाल : कांग्रेससंगरूर में फिर होगा लोकसभा चुनाव
-धूरी से भगवंत मान रिकार्ड मतों से जीते हैं। वे संगरूर से सांसद भी है। अब यहां उनको लोकसभा की सीट छोडऩी होगी। संगरूर से 2014 लोकसभा चुनाव में भी मान ही सांसद बने थे।इन सांसदों के रिश्तेदार भी हारे
फतेहगढ़ साहिब से सांसद अमर सिंह का बेटा रायकोट से कामिल अमर सिंह और लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्टू के चचेरे भाई खन्ना से गुरकीरत कोटली हार गए। राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा के बेटे लहरा सीट से परमिंदर ढींडसा व राज्यसभा सदस्य बलविंदर सिंह भूंदड़ के बेटे सरदूलगढ़ से दिलराज भूंदड़ भी हार गए।बागी भी नहीं चखा पाए जीत का स्वाद
नवांशहर से कांग्रेस विधायक अंगद सिंह आजाद लड़े थे। उनको 30853 मत मिले। वे दूसरे नंबर पर रहे। भदौड़ से डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी की पत्नी मनजीत कौर मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के खिलाफ उतरीं थी। बस्सी पठाना ने मुख्यमंत्री के भाई डा. मनोहर सिंह आजाद उतरे थे। दोनों हार गए। मनजीत कौर को तो महज 800 वोट मिले।
इन्होंने लगाई जीत की हैट्रिक
जालंधर कैंट : कांग्रेस : परगट सिंहगिद्दड़बाहा : कांग्रेस : अमरिंदर सिंह राजा वडिंग़दीनानगर : कांग्रेस : अरुणा चौधरीडेरा बाबा नानक : कांग्रेस : सुखजिंदर सिंह रंधावा
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