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Punjab Industry: जालंधर के उद्योगपति बोले- अकारण तंग कर रहा प्रदूषण विभाग, अभी तक लटके वैट असेसमेंट के केस

जालंधर में इंडस्ट्रियल एस्टेट एक्सटेंशन एसोसिएशन वेल्फेयर सोसायटी की बैठक में उद्योगपतियों ने पंजाब सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले उन्हें कई आश्वासन दिए गए लेकिन अब तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है।

By Kamal KishoreEdited By: Pankaj DwivediUpdated: Sat, 26 Nov 2022 12:07 PM (IST)
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जालंधर में बैठक के दौरान इंडस्ट्रियल एस्टेट एक्सटेंशन एसोसिएशन वेल्फेयर सोसायटी के सदस्य.
कमल किशोर, जालंधर। सरकारें आई और गईं, इंडस्ट्री को हमेशा नजरअंदाज किया गया। मंत्री व विधायक उद्योग की मांगों को नजरअंदाज कर रहे हैं। जीएसटी लागू हो गया लेकिन अभी तक वैट एसेसमेंट के केस लटका रखे हैं। कभी लेबर तो कभी प्रदूषण विभाग इंडस्ट्री तंग करने में जुटा है। ये बातें स्थानीय होटल में आयोजित ज्वाइंट एक्शन कमेटी की बैठक में उठी।

इंडस्ट्रियल एस्टेट एक्सटेंशन एसोसिएशन वेल्फेयर सोसायटी के प्रधान सूबा सिंह ने कहा कि सरकार बनने से पहले राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार उद्योग से जुड़े लोगों की मांगों का हल निकालने का आश्वासन देते हैं। सरकार बनते ही उद्योग की मांगों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। जिस उद्योग ने प्रदूषण विभाग ने कनसेंट लेटर भी ली हुई है उसे दोबारा लेने के लिए कह रहे हैं। जब विभाग के अधिकारी से पूछा जाता है तो जवाब मिलता है कि मंत्री का आर्डर है। उद्योग विभिन्न टैक्स देने के बावजूद भी बुरे दौर में गुजर रहे हैं।

अकारण तंग कर रहा है प्रदूषण विभाग

कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह ने बताया कि गुजरात व हिमाचल में चुनाव है। मंत्री व विधायक चुनावों में व्यस्त है। उद्योग जगत की मांगों को सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है। प्रदूषण विभाग अकारण उन्हें तंग करने में जुटा हुआ है। राज्य का खजाना खाली है, उसका बोझ उद्योगों पर डाला जा रहा है।

वैट असेसमेंट का हल नहीं निकाला

उन्होंने कहा कि पंजाब के एनआरआइ अपना सारा पैसा विदेश ले गए हैं। युवा पीढ़ी विदेश में बसना चाहती है। नई पढ़ी उद्योग के साथ जुड़ना ही नहीं चाहती है। जीएसटी लागू होने के बावजूद वैट एसेसमेंट का हल नहीं निकाला गया है।

बेवजह इंडस्ट्री को तंग करना बर्दाश्त नहीं

ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्यों ने कहा कि कोई भी सरकारी विभाग बेवजह इंडस्ट्री को तंग करता है तो बर्दाश्त नहीं होगा। विभाग के खिलाफ मोर्चा भी खोला जा सकता है। कमेटी के सदस्य संजय गोयल ने बताया कि कोविड के समय में इंडस्ट्री बुरे दौर में थी। कारोबार सिर्फ दस से बीस प्रतिशत था। इसका असर अब भी दिख रहा है, कारोबार पटरी पर नहीं आया है। शहर में कूड़े व टूटी सड़कों की समस्या के कारण विदेशी खरीदार जालंधर इंडस्ट्री की तरफ रुख नहीं करता।

इस अवसर पर कमेटी के सदस्य संजय गोयल, जसविंदर सिंह, कमलजीत सिंह भाटिया, जतिन गुप्ता, अश्वनी तलवार, अशोक शर्मा, विशाल, अर्जुन तलवाड़, रमन गुप्ता, मुकेश धवन, गगन, राजिंदर मेहता, नरिंदर मेहता उपस्थित थे।

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