Punjab Lok Sabha Election: पार्टी बदलते ही बदल रहे नेताओं के सुर, जिन मुद्दों का कल तक करते थे विरोध आज गिना रहे फायदे!
Punjab Lok Sabha Election लोकसभा चुनाव का दौर जारी है। आने वाली एक जून को पंजाब में चुनाव होंगे। इससे पहले सूबे में बड़ा खेल हो रहा है। प्रदेश की जालंधर एक ऐसी सीट है जिस पर तीन प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी अपनी पुरानी पार्टी छोड़कर आए हैं। इनमें आप प्रत्याशी पवन टीनू भाजपा प्रत्याशी सुशील कुमार रिंकू और शिअद प्रत्याशी मोहिंदर सिंह केपी शामिल हैं।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। Punjab Lok Sabha Election: अब राजनीति में विचारधारा नहीं, कुर्सी ही ईमान है। इसका उदाहरण इस बार लोकसभा चुनाव में उतरे कई प्रत्याशियों से मिलता है। जालंधर एक ऐसी सीट है, जिस पर तीन प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी अपनी पुरानी पार्टी छोड़कर आए हैं।
ये हैं जालंधर से प्रत्याशी
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी पवन टीनू किसी समय शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पूर्व विधायक रहे हैं। वे लोकसभा चुनाव भी लड़ते रहे हैं। शिअद से पहले वे बसपा में थे। शिअद प्रत्याशी मोहिंदर सिंह केपी कांग्रेस से सोमवार को ही पार्टी में शामिल हुए हैं।
इससे पहले वह जालंधर से कई बार विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री भी रहे है और जालंधर से सांसद भी। भाजपा प्रत्याशी सुशील रिंकू ने पिछले वर्ष आप के टिकट से जालंधर का लोकसभा उपचुनाव जीता था। इससे पहले वे कांग्रेस में थे और पूर्व विधायक रह चुके हैं।
चन्नी पहली बार लड़ रहे लोकसभा चुनाव
केवल कांग्रेस प्रत्याशी चरणजीत सिंह चन्नी को छोड़ सभी दल बदलकर आए हैं। चन्नी पहली बार लोस चुनाव लड़ रहे हैं। चमकौर साहिब उनका विस क्षेत्र रहा है।
राज्य में जिस प्रकार से टिकट के लिए विचारधाराओं को तिलांजलि दी जा रही है, उसको लेकर लोगों और पार्टी काडर में भी असमंजस बढ़ता जा रहा है।
पार्टी बदलते ही नेताओं की विचारधारा भी बदल जाती है। जिन मुद्दों पर नेता विरोध करते हैं, पार्टी बदलते ही कई बार उसका ही समर्थन करना पड़ता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण कांग्रेस के तीन बार के सांसद रवनीत बिट्टू हैं, जिनका एक वीडियो बहुत प्रसारित हो रहा है।
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