Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Punjab News: सेवानिवृत्त पटवारियों की बल्ले-बल्ले, नौकरी का फिर मिला मौका; अब अगले साल तक देंगे सेवाएं

जिले में खाली पड़े पटवारियों के सर्किल भरने की बजाए कांट्रैक्ट पर रखे गए सेवानिवृत्त पटवारियों के कार्यकाल में बढ़ोतरी कर दी गई है। इस कवायद के बीच विभिन्न सर्किलों में सेवाएं दे रहे सेवानिवृत्त पटवारी अब अगले साल 31 जनवरी तक अपनी सेवाएं बहाल रखेंगे। उधर ट्रेनिंग पर काम कर रहे पटवारी पद के उम्मीदवारों की ट्रेनिंग की अवधि भी तीन माह से बढ़ाकर छह माह कर दी है।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Thu, 24 Aug 2023 05:30 AM (IST)
Hero Image
जिले में खाली पड़े पटवारियों के सर्किल भरने की कवायद जारी

जालंधर,शाम सहगल। जिले में खाली पड़े पटवारियों के सर्किल भरने की बजाए कांट्रैक्ट पर रखे गए सेवानिवृत्त पटवारियों के कार्यकाल में बढ़ोतरी कर दी गई है। इस कवायद के बीच विभिन्न सर्किलों में सेवाएं दे रहे सेवानिवृत्त पटवारी अब अगले साल 31 जनवरी तक अपनी सेवाएं बहाल रखेंगे। उधर ट्रेनिंग पर काम कर रहे पटवारी पद के उम्मीदवारों की ट्रेनिंग की अवधि भी तीन माह से बढ़ाकर छह माह कर दी है।

जिसके चलते फिलहाल जिले के अधिकतर सर्किलों में नियमित रूप से सेवाएं देने वाले पटवारी नहीं मिलेंगे। जिले में 80 प्रतिशत पटवारियों के पद खाली पड़े हुए हैं। जिसके चलते प्रापर्टी का इंतकाल करवाने से लेकर फर्द तैयार करवाने तथा गिरदावरी करवाने से लेकर प्रापर्टी की निशानदेही तक का काम प्रभावित हो रहा है। हालांकि सर्किल भरने के लिए पंजाब सरकार द्वारा पिछले वर्ष जुलाई माह में सेवानिवृत्त हो चुके पटवारियों को एक साल के लिए कांट्रेक्ट पर रखा गया था।

इस बीच यह उम्मीद जताई जा रही थी कि ट्रेनिंग ले रहे 78 नए उम्मीदवारों की र्टेनिंग खत्म होने के बाद विभिन्न सर्किलों में स्थाई रूप से सेवाएं देने वाले पटवारी मिल जाएंगे। जिसके चलते सेवानिवृत्त पटवारियों की जरूरत नहीं रहेगी। उधर एक जनहित याचिका के फैसले पर ट्रेनिंग ले रहे पटवारी पद के उम्मीदवारों की अवधि तीन माह से बढ़ाकर छह माह कर दी गई है। ऐसे में जिले के खाली पड़े सर्किल फिर से भरने की उम्मीद भी खत्म हो गई।

जिसके विकल्प के रूप में अब 68 सेवानिवृत्त पटवारियों की छह माह की अवधि बढ़ाकर 31 जनवरी 2024 कर दी गई है। - सर्किल के मुताबिक की जाए पटवारियों की भर्ती इस बारे में पटवारी यूनियन के प्रधान रामप्रकाश तथा सत्यवीर ने बताया कि जिले के सर्किलों के मुताबिक पटवारियों की भर्ती की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक-एक सर्किल में 10 से लेकर 30 तक गांव आते हैं। जबकि एक-एक पटवारी के पास पांच से छह सर्किल है। ऐसे में उनके पास काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। इस बीच सरकार को नए पटवारियों की भर्ती प्राथमिकता के आधार पर करनी चाहिए। 

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें