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अब वारदात के बाद चंद मिनटों में होगी अपराधी की पहचान, पंजाब पुलिस ने बनाया स्पेशल सेल; जानिए कैसे करेगा काम

अमृतसर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में क्राइम आइडी फोटो सेल बनाया गया है। अब वारदात के बाद अपराधियों का बचकर भागना नामुमकिन होगा क्योंकि क्राइम आइडी फोटो सेल से जमानत पर छूटे हर अपराधी पर पुलिस की नजर रहेगी।

By Rohit KumarEdited By: Updated: Sun, 21 Mar 2021 10:47 AM (IST)
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अमृतसर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में क्राइम आइडी फोटो सेल बनाया गया है।
अमृतसर, नवीन राजपूत। अब वारदात के बाद अपराधियों का बचकर भागना नामुमकिन होगा, क्योंकि पुलिस ऐसा सिस्टम लागू करने जा रही है जिससे जमानत पर छूटे हर अपराधी पर पुलिस की नजर रहेगी। वह जहां रहेगा पुलिस उसकी गतिविधियों को भांप सकेगी। अमृतसर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में क्राइम आइडी फोटो सेल बनाया गया है। उसमें पिछले 15 साल की वारदातों और उसमें लिप्त पांच हजार से ज्यादा अपराधियों का रिकार्ड रखा जा चुका है। किसी वारदात के बाद आरोपित के चेहरे की पहचान और नाम का पता लगते ही उसे सिस्टम में डाला जाएगा। फिर तुरंत उस नाम और हुलिये से संबंधित सभी अपराधियों की फोटो पुलिस अफसर के लैपटाप की स्क्रीन पर होगी।

मुलाजिमों से वाट्सएप ग्रुप में ली जा रही पूरी जानकारी

अमृतसर सिटी में पांच हजार से ज्यादा नफरी तैनात है। अपराधियों के रिकार्ड को थाना स्तर पर बांट दिया गया है। थाने के प्रत्येक मुलाजिम को अपने इलाके के पांच अपराधियों का रिकार्ड मेनटेन और उन पर नजर रखने की हिदायतें जारी हैं। प्रत्येक थाने में कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, एएसआइ, सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर के बीच एक वाट्सएप ग्रुप बना रखा है। प्रत्येक मुलाजिम पकड़े अपराधी का रिकार्ड उसमें अपलोड करता रहता है। पुलिस कर्मी आरोपित की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ उसके मोबाइल नंबर और रिश्तेदारों के संपर्क में भी रहता है।

इस श्रेणी के अपराधियों का रिकार्ड रहेगा फोटो आइडी सेल में

हत्या, हत्या प्रयास, गैंगस्टर, नशा तस्कर, हथियार तस्कर, जाली करंसी का कारोबार करने वाले, मारपीट, फायरिंग करने वाले, दुष्कर्म के आरोपित, छेड़छाड़, अकसर झगड़ों में नामजद रहने वाले, अपहरण, फिरौती मांगने वाले, लूटपाट, चोरी के आरोपितों का सारा खाका इस क्राइम फोटो आइडी सैल में अपलोड किया जा रहा है।

एसीपी हरमिंदर ने बनाया सिस्टम, सीपी ने की सराहना

देश में बढ़ रहे अपराध पर चिंता जताते हुए एसीपी हरमिंदर सिंह ने लगभग चार महीने पहले इस सिस्टम को लागू करने के लिए पुलिस कमिश्नर सुखचैन सिंह गिल से बात की थी। उनका सुझाव सुनकर सीपी ने सराहना की और इस पर काम शुरू करने के लिए हरी झंडी दी थी। एसीपी हरमिंदर सिंह ने बताया कि वह अपराध के खात्मे के लिए विदेशी पुलिसिंग सिस्टम पर लिखी किताबें पढ़ते रहते हैं। उनका दावा है कि यह प्रदेश में बनाया पहला साफ्टवेयर सिस्टम है।

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