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Punjab Rains: हिमाचल की बारिश से पंजाब में बाढ़ का खतरा, कई नहरों में बढ़ा जलस्तर; छुट्टियों को लेकर आदेश जारी

Punjab Rain Alert हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश होने के बाद बीबीएमबी की ओर से डैम से पानी छोड़ने के बाद पंजाब के विभिन्न इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति का खतरा मंडराने लगा है। वहीं बिस्त दोआब नहर का जलस्तर बढ़ने से लोगों में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया है। गद्दईपुर इलाके में बिस्त दोआब नहर का जलस्तर पुली के नजदीक पहुंच गया है।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Thu, 17 Aug 2023 05:30 AM (IST)
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हिमाचल की बारिश से पंजाब में बाढ़ का खतरा

जालंधर,मनुपाल शर्मा। हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश होने के बाद बीबीएमबी की ओर से डैम से पानी छोड़ने के बाद पंजाब के विभिन्न इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति का खतरा मंडराने लगा है। वहीं बिस्त दोआब नहर का जलस्तर बढ़ने से लोगों में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया है। गद्दईपुर इलाके में बिस्त दोआब नहर का जलस्तर पुली के नजदीक पहुंच गया है। इसकी वजह से इलाका निवासियों में अफरा तफरी का माहौल है।

हालांकि इससे पहले वर्षा की वजह से पिछले माह में आई बाढ़ के दौरान उक्त इलाके में लोगों ने खतरे को टालने के लिए अस्थाई बांध भी बनाया था। इसके अलावा बिस्त दोआब नहर के किनारों में दरार आने की वजह से नकोदर व जालंधर में पानी रिहायशी इलाके और खेतों में चला गया था। नहरी विभाग के एक्सीयएन अमित सभ्रवाल का कहना है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। नहरों में पानी नियंत्रण में ही छोड़ा जा रहा है। इसकी वजह से कोई नुक्सान नहीं हो सकता।

सतलुज में 80 हजार क्यूसेक के नजदीक पहुंचा बहाव, डीसी ने नियंत्रण में बताई स्थिति एक बार फिर से दरिया सतलुज के बहाव में वृद्धि देखी जा रही है। भाखड़ा बांध के फ्लड् गेट खोलने की वजह से दरिया सतलुज का बहाव तेजी से बढ़ा है और गिद्दड़पिंडी के नजदीक पानी का बहाव 80 हजार क्यूसेक के नजदीक जा पहुंचा है।

पहले भी बरस चुका है बारिश का कोहराम 

गिद्दड़पिंडी वहीं क्षेत्र है, जहां बीती 11 जुलाई को भी धुस्सी बांध टूट गया था और 30 के लगभग गांव जलमग्न हो गए थे तब पानी का बहाव 3.25 लाख क्यूसेक जा पहुंचा था। धुस्सी बांध में कुल सात स्थानों पर दरारें आई थीं। हालांकि जिला के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में बताया है। दरिया सतलुज फिल्लौर से जिला जालंधर में प्रवेश करता है और बीते लगभग 18 घंटों में बुधवार शाम सात बजे तक फिल्लौर में बहाव 31 हजार क्यूसेक से बढ़कर 50500 क्यूसेक पर पहुंच चुका था। 

इसी तरह से गिद्दड़पिंडी में इसी अवधि के दौरान सतलुज का बहाव 66000 क्यूसेक से बढ़कर 74800 क्यूसेक को पार कर चुका था। हालांकि जल स्रोत विभाग की तरफ से दरिया सतलुज के मौजूदा जलस्तर को देखते हुए किसी भी तरह के खतरे से इनकार किया जा रहा है और स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण में बताया जा रहा है। एक्सईएन अमृतपाल सिंह ने कहा कि लगातार पानी के बहाव के ऊपर नजर रखी जा रही है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।

प्रशासकीय अधिकारियों के  प्रयास जारी

मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह के तुरंत बाद डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल की तरफ से फिल्लौर, नकोदर और शाहकोट के एसडीएम एवं तहसीलदारों को तत्काल दरिया की स्थिति देखने के लिए भेजा गया था और धुस्सी बांध पर पर्याप्त प्रबंध करने के लिए कहा गया था। डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और प्रशासन की टीमें लगातार पानी के बहाव पर नजर बनाए हुए हैं।

उन्होंने कहा कि धुस्सी बांध के निरीक्षण के लिए प्रशासकीय अधिकारियों की टीमें भेजी गई हैं और जहां भी रिपेयर की जरूरत महसूस की गई वह रिपेयर करवा दी गई है। उन्होंने कहा कि दरिया क्षेत्र में रहने वाले लोगों को एडवाइजरी जारी की गई है कि वह दरिया से दूर चले जाएं। डिप्टी कमिश्नर की तरफ से जिला जालंधर में बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए समूह सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।

छुट्टी पर चल रहे तमाम अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके स्टेशन पर तुरंत रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। आदेशों में यह भी लिखा गया है कि डिप्टी कमिश्नर की अनुमति के बिना कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी छुट्टी नहीं ले सकता है।  

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