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जालंधर बस स्टैंड का संचालन बना चुनौती, अड्डा फीस व दुकानों का किराया वसूलने के लिए मैनपावर की किल्लत

जालंधर बस स्टैंड पर पार्किंग अड्डा फीस वसूलने सफाई व्यवस्था बनाए रखने दुकानें किराए पर देने और किराया वसूलने के लिए भारी संख्या में मुलाजिमों की जरूरत रहती है जो फिलहाल पंजाब रोडवेज के पास उपलब्ध नहीं हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Mon, 09 Nov 2020 08:56 AM (IST)
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पंजाब रोडवेज फिलहाल मैनपावर की भारी किल्लत से जूझ रही है। (फाइल फोटो)

जालंधर [मनुपाल शर्मा]। संचालन के लिए निजी हाथों में अपने बस स्टैंड सौंप चुकी पंजाब रोडवेज के लिए अब इनका संचालन खुद करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। पंजाब रोडवेज के पास पर्याप्त संख्या में इतने मुलाजिम उपलब्ध नहीं हैं, जो बस स्टैंड का संचालन कर सकें। कर्फ्यू और लाकडाउन की अवधि के दौरान निजी ठेकेदार की तरफ से भुगतान न किए जाने के बाद पंजाब रोडवेज बस स्टैंड टेकओवर करने की प्रक्रिया में तो जुट गई, लेकिन असलियत यही थी कि अगर ऐसा हो जाता तो पंजाब रोडवेज के लिए बसों का संचालन करने के साथ-साथ बस स्टैंड का संचालन करना भी आसान नहीं होता।

बस स्टैंड पर पार्किंग, अड्डा फीस वसूलने, सफाई व्यवस्था बनाए रखने, दुकानें किराए पर देने और किराया वसूलने के लिए भारी संख्या में मुलाजिमों की जरूरत रहती है, जो फिलहाल पंजाब रोडवेज के पास उपलब्ध नहीं हैं। पंजाब रोडवेज की तरफ से जिस समय बस स्टैंड का संचालन किया गया, उस समय के भी दुकान संचालकों के साथ हुए विवाद को अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है। दुकानें खाली करवाने के लिए ही पंजाब रोडवेज कानूनी लड़ाई भी लड़ रही है।

हालांकि, रविवार को पेंडिंग पेमेंट में से 30 फीसद भुगतान के साथ पंजाब रोडवेज ने संबंधित ठेकेदार कंपनी को ही बस स्टैंड का संचालन करने की अनुमति प्रदान कर दी है और टेकओवर की प्रक्रिया को भी रोक दिया है।

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