पंजाब आना है तो फिर से कर लें विचार, आज से तीन दिन 1300 बसों का चक्का जाम, ओपीडी सेवा भी बंद
सोमवार से बुधवार तक प्रदेशभर में पनबस और पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) की लगभग 1300 बसों का चक्का जाम रहेगा। उधर छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ संघर्ष कर रहे सरकारी डाक्टरों ने सरकार की अनदेखी के चलते संघर्ष तेज कर दिया है।
By Vikas_KumarEdited By: Updated: Mon, 28 Jun 2021 09:51 AM (IST)
जालंधर, जागरण संवाददाता। अगले तीन दिन अगर बस में यात्रा करने का कार्यक्रम बना रहे हैं तो एक बार अपनी योजना पर पुनर्विचार जरूर करें। सोमवार से बुधवार तक प्रदेशभर में पनबस और पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) की लगभग 1300 बसों का चक्का जाम रहेगा। रविवार रात 12 बजे से ही बस आपरेशन को बुधवार रात 12 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया। मांगे न मानी जाने के विरोध में पंजाब रोडवेज, पनबस व पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने बसें बंद रखने का फैसला लिया है। पंजाब रोडवेज के राज्यभर में 18 डिपुओं व पीआरटीसी के 9 डिपुओं से बस आपरेशन पूरी तरह से प्रभावित रहेगा, इससे यात्रियों को भारी परेशानी होगी।
इस बारे में पंजाब रोडवेज जालंधर के जनरल मैनेजर नवराज बातिश ने कहा कि कोशिश की जाएगी कि पंजाब रोडवेज के बेड़े में शामिल पंजाब रोडवेज की बसों को पक्का स्टाफ रूट पर संचालित करता रहे। हालांकि यूनियन की तरफ से घोषणा की गई है कि किसी भी बस को वर्कशाप से बाहर आने ही नहीं दिया जाएगा। प्राइवेट बसें चलेंगी या नहीं, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। यूनियन से बात चल रही है।
जालंधर से नहीं चलेंगे ये रूट
जालंधर से अमृतसर, बटाला, गुरदासपुर, पठानकोट, फिरोजपुर, लुधियाना, मोगा, मुक्तसर, मलोट, होशियारपुर अबोहर, गंगानगर, पटियाला, कपूरथला और राज्य के बाहर दिल्ली, अंबाला, देहरादून, चंडीगढ़, सिरसा, टोहाना, जयपुर आदि के लिए बसों का संचालन संभव नहीं हो सकेगा। जेएंडके व हिमाचल के लिए सेवा पहले से बंद है।तीन प्रमुख मांगे नहीं माने जाने से खफा हैं कांट्रैक्ट मुलाजिम
यूनियन के चेयरमैन जसवीर सिंह ने कहा है कि 2007 से कार्यरत कांट्रैक्ट मुलाजिमों को तुरंत पक्का करने की मांग की जा रही है। अदालती आदेशों के मुताबिक समान काम समान वेतन को लागू करने व केस बनाकर बर्खास्त कर दिए गए मुलाजिमों को तुरंत बहाल करने की मांग है। मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री कई बार आश्वासन दे चुके है, बावजूद इसके मांगें नहीं मानी जा रही।आज न आएं सिविल अस्पताल, ओपीडी बंद रहेगी
छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ संघर्ष कर रहे सरकारी डाक्टरों ने सरकार की अनदेखी के चलते संघर्ष तेज कर दिया है। इसके तहत सोमवार को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी बंद रहेगी तथा इमरजेंसी में मेडिको लीगल केस यानि लड़ाई-झगड़े के पर्चे नही काटे जाएंगे। रविवार को मांगों को लेकर डाक्टरों के प्रतिनिधिमंडल सांसद चौधरी जगजीत सिंह से मिले और ज्ञापन सौंपा।एसोसिएशन के प्रधान डा. हरीश भारद्वाज, डा. वरिंदर रियाड़ तथा डा. विवेक ने उन्हें ज्ञापन सौंप सरकार से इंसाफ दिलाने की मांग की । डा. भारद्वाज ने कहा कि डाक्टरों के एनपीए में कटौती को वापस लेने की मांग बिल्कुल जायज है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो सोमवार से सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी बंद रहेगी व मेडिको लीगल केस नहीं किए जाएंगे। इमरजेंसी में डाक्टर इमरजेंसी सेवाओं के अलावा पोस्टमार्टम तथा दुष्कर्म मामलों के मेडिकल ही करेंगे। उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक तथा वेटरनरी स्वास्थ्य केंद्रों में भी ओपीडी बंद रहेगी। इसके बाद अगली रणनीति पीसीएमएस डॉक्टर एसोसिएशन की राज्य स्तरीय कार्यकारिणी की बैठक में तय की जाएगी।
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