पंजाब रोडवेज की बदहाली रहेगी बरकरार, खस्ताहाल बसों में ही यात्रियों को करना होगा सफर
पंजाब रोडवेज की तरफ से कर्ज लेकर बसों को पनबस के अधीन खरीदा जाता है। ये सभी बसें पनबस के अधीन ही चलती हैं। कर्ज पूरा होने तक ये बसें लाखों किमी तय कर चुकी होती हैं। इसके बाद इन्हें खस्ताहाल में पंजाब रोडवेज को सौंप दिया जाता है।
By Vinay KumarEdited By: Updated: Tue, 23 Nov 2021 11:23 AM (IST)
मनुपाल शर्मा, जालंधर । पंजाबी लोकगीतों तक में अपनी बदहाली की चर्चा करवा चुकी पंजाब रोडवेज बसों के हालात आने वाले दिनों में भी नहीं सुधर पाएंगे। पंजाब रोडवेज के बेड़े में लगातार पुरानी बसें ही शामिल होती रहेंगी। पंजाब रोडवेज के बेड़े में पनबस की वही पुरानी बसें शामिल होंगी, जो सड़कों के ऊपर लाखों किलोमीटर तय कर चुकी होंगी।
पंजाब रोडवेज की तरफ से ऋण लेकर नई बसों को खरीदा जा रहा है, लेकिन यह सारी खरीद पंजाब रोडवेज की बजाय पनबस कंपनी के अधीन की जाती है। जब तक संबंधित बस का ऋण नहीं उतर जाता है वह पनबस के बेड़े में ही चलती है और ऋण उतरने के बाद ही उसे पंजाब रोडवेज के बेड़े में शामिल किया जाता है। हालांकि जब तक बस का ऋण उतरता है, तब तक संबंधित बस लाखों किलोमीटर तय कर चुकी होती है और बॉडी भी पुरानी पड़ चुकी होती है।
यही वजह है कि पंजाब रोडवेज की अधिकतर बसें लॉन्ग रूट पर चलने लायक ही नहीं बचती हैं और बाद में उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में चलाया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र के यात्री भी इसी वजह से खस्ताहाल बसों में सफर करने को मजबूर होते हैं। अब एक बार फिर से पनबस के बेड़े में 587 नई बसें शामिल करने की प्रक्रिया जारी है। नई बसों के उपलब्ध होते ही एक बार फिर से पुरानी बसों को पंजाब रोडवेज के बेड़े में शिफ्ट किया जाएगा।
हालांकि पंजाब रोडवेज में बेहद कम संख्या में पक्के मुलाजिम बाकी बचे हैं। जिस वजह से पंजाब रोडवेज के बेड़े में शामिल होने वाली बसें भी वर्कशॉप में खड़ी हुई नजर आती हैं। हालांकि कॉन्ट्रैक्ट मुलाजिमों से पंजाब रोडवेज की बसों को संचालित तो करवाया जाता है, लेकिन उनके हड़ताल पर जाते ही पंजाब रोडवेज की अधिकतर बसें खड़ी हो जाती हैं।ये भी पढ़ेंः Jalandhar Teachers Protest ः जालंधर में बेरोजगार अध्यापकों को रोकने के लिए शिक्षा मंत्री की कोठी के आगे फोर्स तैनात
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