Punjab Street Food: अमृतसर में 120 सालों से बिक रहे लाहौरी छोले, स्वाद बरकरार
सुरेश कुमार बताते हैं कि सादे और भीगे कुल्चे मट्ठी आदि के साथ लाहौरी छोले परोसे जाते हैं। इनमें तीन प्रकार की चटनी डाली जाती है। इसमें इमली पुदीना कमल ककड़ी का प्रयोग होता है। चटनियां भी वह स्वयं तैयार करते हैं।
By Jagran NewsEdited By: DeepikaUpdated: Sat, 01 Oct 2022 08:30 AM (IST)
पूजा नायक/नमनप्रीत कौर, अमृतसर। Punjab Street Food: शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि शहर में लाहौरी छोले बिकते हैं। यह हाल-फिलहाल से नहीं, बल्कि 120 साल से तैयार किए जा रहे हैं। शहर के चौरस्ती अटारी क्षेत्र में स्थित छोले वाला बाजार में लाहौरी चने मिलेंगे। इन्हें लाहौर में चिक्कड़ वाले छोले कहा जाता है।
चूंकि इन्हें तैयार करने में तड़का नहीं लगता। न तेल, प्याज, लहसुन आदि का प्रयोग होता है। एक बड़ी पीतल की देग में छह से सात घंटे तक चनों को पानी में पकाया जाता है। इसमें तरह-तरह के मसालें डाले जाते हैं, इसलिए इन्हें चिक्कड़ वाले छोले कहा जाता है। 1902 में लाहौर से अमृतसर आए रामू नामक शख्स चिक्कड़ वाले छोले तैयार करते थे। वह लकड़ी के छाबे में छोले रखकर गली-गली बेचते थे। फिर चौरस्ती अटारी स्थित छोले वाला बाजार में एक दुकान के बाहर आकर बैठ जाते थे।
लोगों ने उनके छोले खूब पसंद किए। धीरे-धीरे उन्होंने उसी दुकान को किराये पर ले लिया। कुछ वर्ष बाद इसी दुकान को खरीद भी लिया। रामू के बाद उनके बेटे नानक चंद ने कारोबार संभाला। अब उनके बेटे सुरेश कुमार इस काम में जुटे हैं। यानी तीसरी पीढ़ी यह काम कर रही है।
बिना तड़का लगाए चने बनाते थे दादासुरेश कुमार के अनुसार दादा जी ने एक पौधा लगाया था जो अब वटवृक्ष बन चुका है। आज भी दादा जी की रैसिपी में बदलाव नहीं किया। दादाजी बिना तड़का लगाए चने बनाते थे। इसमें 14 प्रकार के खड़े मसाले डाले जाते थे। दस से पंद्रह किलो चने चूल्हे पर लकड़ी की धीमी आंच में सुबह साढ़े पांच बजे रखे जाते हैं। यह तकरीबन बारह बजे तैयार हो जाते हैं। इसके बाद ग्राहकों को परोसने का काम शुरू किया जाता है।
तीन प्रकार की डालते हैं चटनीसुरेश कुमार बताते हैं कि सादे और भीगे कुल्चे, मट्ठी आदि के साथ लाहौरी छोले परोसे जाते हैं। इनमें तीन प्रकार की चटनी डाली जाती है। इसमें इमली, पुदीना, कमल ककड़ी का प्रयोग होता है। चटनियां भी वह स्वयं तैयार करते हैं। दादा जी की तरह ही वह पत्तल में सब कुछ परोसते हैं।यह भी पढ़ेंः- Jalandhar Today 1st October 2022: गुरुद्वारा दीवान अस्थान में सजेगा कीर्तन दरबार, जानें और क्या खास है आज
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।