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Punjab: फिर बढ़ने लगा सतलुज का जलस्तर, बाढ़ को लेकर दहशत में लोग; 24 घंटे तैनात रहेंगे अधिकारी

बीते लगभग 24 घंटे के दौरान सतलुज दरिया के पानी में 50 हजार क्यूसेक के लगभग वृद्धि हो चुकी है। बुधवार शाम सात बजे के करीब गिद्दड़पिंडी में सतलुज का पानी 80 हजार क्यूसेक के लगभग था जो वीरवार शाम 6 बजे 1.28 लाख क्यूसेक को पार कर चुका था। रात आठ बजे तक पानी में कमी आई और यह 1.16 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Fri, 18 Aug 2023 05:30 AM (IST)
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फिर बढ़ने लगा सतलुज का जलस्तर और बाढ़ को लेकर दहशत में लोग। (फइल फोटो)

जालंधर,जागरण संवाददाता। बीते लगभग 24 घंटे के दौरान सतलुज दरिया के पानी में 50 हजार क्यूसेक के लगभग वृद्धि हो चुकी है। बुधवार शाम सात बजे के करीब गिद्दड़पिंडी में सतलुज का पानी 80 हजार क्यूसेक के लगभग था, जो वीरवार शाम 6 बजे 1.28 लाख क्यूसेक को पार कर चुका था। रात आठ बजे तक पानी में कमी आई और यह 1.16 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। 

पानी के बहाव के कारण बुधवार देर रात को गट्टा मुंडी कासू में बना धुस्सी बांध टूटने लगा था और नवनिर्मित बांध के नीचे से मिट्टी की बोरियां खिसकने लगी थीं। राज्यसभा सदस्य एवं पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल के नेतृत्व में कारसेवक गट्टा मुंडी कासू के पास वीरवार तड़के तीन बजे तक पानी में खिसक रही बोरियों को बचाने के लिए कार्य करते रहे और अंतत इसमें कामयाब हो गए। 

इसके बाद कारसेवकों ने बांध को मजबूत करने का काम तेज कर दिया है। धुस्सी बांध की मजबूती के लिए वीरवार को विभिन्न जगहों से करीब 100 ट्रालियां मिट्टी लेकर लोग पहुंचे। गट्टी रायपुर के सरपंच सुखविंदर सिंह ने कहा कि वह पहले दिन से ही ट्रैक्टर ट्राली के साथ बांध को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। 2019 में बाढ़ का दंश झेलने वाले मेजर सिंह ने कहा कि वह गट्टा मुंडी कासू में दरार को भरने में लगे हुए थे।

वीरवार रात को जब उन्हें पता चला कि बांध की मिट्टी से भरी बोरियां खिसक रही हैं तो वे सारा काम छोड़ कर तड़के तीन बजे तक आए और बचाव कार्य में जुट गए। उन्होंने कहा कि अगर बांध टूट जाता तो सारी मेहनत बेकार हो जाती। बाढ़ रोकथाम समिति के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह ने कहा कि मंडला छन्ना दरार को भी मजबूत किया जा रहा है।

स्थिति को देखते हुए मंडल छन्ना से लेकर गट्टा मंडी कासू के साथ-साथ बसे गांवों से लोगों ने अपने जरूरी सामान और पशुओं को साथ लेकर सुरक्षित स्थानों की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया है। अधिकारी रख रहे पानी के बहाव पर नजर वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन की तरफ से फिल्लौर से गिद्दड़पिंडी तक धुस्सी बांध को मजबूत बनाने के लिए मिट्टी की बोरियां भरने एवं पानी में उतारने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है।

अधिकारियों को 24 घंटे पानी के बहाव पर नजर रखने के लिए कहा गया है। एसडीएम फिल्लौर, एसडीएम नकोदर एवं एसडीएम शाहकोट तहसीलदारों एवं राजस्व विभाग के अमले के साथ धुस्सी बांध को मजबूत बनाने के लिए जुटे हुए हैं। फिल्लौर में तीन हजार क्यूसेक बढ़ा पानी भाखड़ा बांध के फ्लड गेट खोले होने की वजह से पानी के बहाव में और वृद्धि होने की आशंका प्रकट की जा रही है।

अंदाजा लगाया जा रहा है कि शुक्रवार को पानी का बहाव पौने दो लाख क्यूसेक तक भी पहुंच सकता है। बुधवार रात को फिल्लौर में सतलुज दरिया का बहाव 50 हजार क्यूसेक ऊपर चल रहा था जो वीरवार को लगभग पांच हजार कम हो गया। वहीं देर रात तक फिल्लौर में सतलुज का पानी तीन हजार क्यूसेक बढ़कर 48 हजार क्यूसेक हो गया है।  

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