Punjab Vegetables Price: आम आदमी की रसोई का बिगड़ा बजट, मौसम की मार से सब्जियों के दाम आसमान पर; हैरान कर देगी रेट लिस्ट
पंजाब में मौसम की मार से आम जनता (Punjab Vegetables Price) की थाली का बजट बिगड़ गया है। खराब मौसम के कारण सब्जियां महंगी हो गई हैं। हालात ये हैं कि 80 फीसदी सब्जियां दूसरे राज्यों से आ रही हैं। सप्ताह भर पहले प्याज 30 रुपए किलो बिक रही थी। लेकिन अब प्याज का दाम 50 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। वर्षा में सब्जियों की फसल प्रभावित हुई है और इस समय करीब 80 प्रतिशत सब्जियां दूसरे राज्यों से आ रही है। इसका असर सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी के रूप में दिखा है। कुछ समय पहले 30 से 40 रुपये प्रति किलो बिकने वाला टमाटर इन दिनों 70 से 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
इसके अलावा प्याज के दाम में बढ़ोतरी लोगों को बेहाल कर रही और महंगाई की रंगत में आलू की चाल भी बदली नजर आ रही है। एक सप्ताह पहले 30 रुपये प्रति किलो बिकने वाला प्याज अब 50 रुपये और 25 रुपये प्रति किलो बिकने वाला चिप्सोना आलू अब 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
भिंडी पहुंची 60 रुपए किलो
इसके अलावा अन्य सब्जियों पर भी महंगाई का रंग चढ़ा है। राज्य में पैदा होने वाली भिंडी 60 रुपये तक पहुंच गई है। मंडी में सब्जियों के दाम बढ़ने के बाद लोग भी हाथ खींचने लगे हैं।सब्जियों की मांग को पूरा करने के लिए थोक विक्रेता अन्य राज्यों से मंगवा रहे हैं। जालंधर में 80 प्रतिशत सब्जियों की आपूर्ति हिमाचल, गुजरात और दिल्ली से हो रही है।
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इसमें शिमला मिर्च, टमाटर, बीन्स, फूलगोभी और बंदगोभी हिमाचल से आ रही हैं। गुजरात से घीया और कद्दू आ रहा है। बैंगन और कद्दू दिल्ली से आ रहा है।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।धनिया 160 रुपए किलो
स्थानीय स्तर पर भिंडी और तोरी ही मंडी में आ रही है। मंडी में इन दिनों अदरक तथा हरा धनिया सबसे अधिक महंगे हैं। रिटेल में अदरक के दाम 200 रुपये किलो तथा हरा धनिया 180 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। यही कारण है कि सब्जी के छोटे दुकानदार अदरक तथा धनिया बेचने से परहेज कर रहे हैं।रिटेल सब्जी विक्रेता सुरिंदर लाल बताते हैं कि अभी तक सब्जी के साथ धनिया फ्री दिया जाता रहा है, जबकि अब महंगा धनिया खरीद कर फ्री में देना संभव नहीं है। इस कारण धनिया खरीदना ही बंद कर दिया है। मकसूदां सब्जी मंडी के कारोबारी विशाल गुलाटी बताते हैं कि स्थानीय सब्जियों की आमद कम होने के बाद दूसरे राज्यों से सब्जियां मंगवानी पड़ रही है।गर्मी में मंडी तक पहुंचने में ही कुछ सब्जियां खराब हो जाती हैं। इसके अलावा परिवहन खर्च भी लगता है। इसी कारण सब्जियां महंगे रेट पर बेचनी पड़ रही हैं। यह दौर अगस्त माह तक जारी रहेगा।हर साल बरसात में सब्जियों की रहती है कमी
शाहकोट के किसान सेर सिंह बताते हैं कि बरसात में हर साल सब्जियों की कमी रहती है। वर्षा से फसल को नुकसान पहुंचता है। भिंडी, तोरी, कद्दू , घीया आदि की पैदावार 20 प्रतिशत ही रह जाती है। इन दिनों धान की रोपाइ के चलते सब्जी के खेत में नदीन काटने और अन्य काम के लिए मजदूर भी कम मिलते हैं। पिछले दिनों तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने और उसके बाद वर्षा होने की वजह से फसल को नुकसान हुआ है। किसान थोक मंडी में भिंडी 40 से 50 रुपये किलो बेचते हैं। किसान खुद शहर में जाकर भिंडी 60 रुपये किलो बेच रहे हैं।रिटेल में दो सप्ताह पहले और अब सब्जियों का दाम (रुपये में)
सब्जी | सब्जी दो सप्ताह पहले अब | सब्जी का दाम इन दिनों |
गोभी | 60 | 80 |
भिंडी | 50 | 60 |
मशरूम | 80 | 100 |
मटर |
135 | 160 |
करेला | 30 | 50 |
रामातोरी | 30 | 35 |
घीया | 30 | 35 |
टींडे | 45 | 60 |
अरबी | 40 | 50 |
शिमला मिर्च | 60 | 80 |
गाजर | 25 | 40 |
हरा धनिया | 150 | 180 |
फलियां | 80 | 100 |
अदरक |
160 | 200 |
नींबू | 80 | 100 |
टमाटर | 70 | 90 |
प्याज | 30 | 50 |