Ram Navami 2022: घर और मंदिरों में कंजक पूजन, जानें क्यों की जाती है नौ कन्याओं की पूजा
सनातन धार्मिक ग्रंथों की मान्यता के अनुसार 3 से 9 साल तक की कन्याओं को मां देवी का रूप माना जाता है। इसीलिए भक्त कन्याओं को अपने घर पर आमंत्रित करके सुख समृद्धि के लिए उनकी पूजा करते हैं।
By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Sun, 10 Apr 2022 10:29 AM (IST)
जागरण संवाददाता, जालंधर। श्री रामनवमी के मौके पर रविवार को घर और मंदिरों में कंजक पूजन किया जा रहा है। इससे पहले सुबह भक्तों ने मां देवी के नौवें स्वरूप की पूजा की। उसके बाद कन्याओं का पूजन किया गया, वहीं बालकों की बाबा भैरव के रूप में पूजा की गई। कन्याओं को पूजन के साथ विद्या सामग्री भी दी गई।
वैसे अष्टमी और नवमी के दोनों ही दिन भक्त कंजक पूजन किया जाता है।कुछ अष्टमी को कंजक पूजन कर व्रत का उद्यापन करते हैं तो कुछ नवमी के दिन। इस बार पूरे नौ दिन तक नवरात्र होने के कारण अधिकतर ने नौवें दिन कंजक पूजन किया है।
धार्मिक ग्रंथों की मान्यता के अनुसार 3 से 9 साल तक की कन्याओं को मां देवी का रूप माना जाता है। इसीलिए भक्त कन्याओं को अपने घर पर आमंत्रित करके सुख समृद्धि के लिए उनकी पूजा करते हैं। वे उनके चरणों को साफ करके उन्हें स्वच्छ आसन पर बिठाते हैं। इसके बाद उन्हें तिलक, मौली बांधी जाती हैं, पुष्प अर्पित किए जाते हैं। हलवा, पुरी, चने, खीर, फल आदि का भोग लगाया जाता है। उसके बाद उनकी आरती की जाती है। इसके बाद कन्याओं को दक्षिणा दी जाती है क्योंकि कंजक पूजन के दौरान दक्षिणा का बहुत महत्व माना जाता है।
सुख समृद्धि के लिए नौ कन्याओं का पूजन
नवमी के दिन भक्त सुख समृद्धि के लिए 9 कन्याओं का पूजन करते हैं। क्योंकि इसमें पहली कन्या का पूजन ऐश्वर्या, दूसरी कन्या का पूजन मोक्ष, तीसरी कन्या का पूजन धर्म, अर्थ, चौथी कन्या का पूजन राज पद, पांचवी कन्या का पूजन विद्या, छठी कन्या का पूजन छह प्रकार की सिद्धियों, सातवीं कन्या का पूजन राज्य, आठवीं कन्या का पूजन संपदा, नवमी कन्या का पूजन पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति के लिए किया जाता है। जबकि एक या एक से अधिक बालकों का पूजन मां के प्रिय भक्त भैरव बाबा के रूप में किया जाता है।
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