Sidhu Moose Wala Murder मामले में सब-इंस्पेक्टर की जमानत याचिका खारिज, आरोपी को भगाने में की थी मदद; HC ने जमकर फटकारा
सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (Siddu Moosewala Murder Case) मामले में इंस्पेक्टर की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि आरोपी पुलिस का काम बदमाशों से कानून तथा व्यवस्था की रक्षा करना होता है। लेकिन याचिकाकर्ता ने आम जनता के हितों के खिलाफ काम किया है। कोर्ट ने कहा कि गैंगस्टर को पुलिस हिरासत से फरार होने में मदद की थी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक पुलिस अधिकारी की जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिसने कथित तौर पर शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपित एक गैंगस्टर को पुलिस हिरासत से फरार होने में मदद की थी।
जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने कहा, "याचिकाकर्ता का काम बदमाशों के हाथों कानून एवं व्यवस्था की रक्षा करना है, जबकि पुलिस विभाग में काम करने के बावजूद याचिकाकर्ता ने न केवल विभाग को बल्कि आम जनता के हितों के खिलाफ काम किया है, जिसकी रक्षा याचिकाकर्ता द्वारा की जानी चाहिए थी।
'पुलिस हिरासत में भागने की दी गई अनुमति'
याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप बहुत गंभीर हैं। कोर्ट ने कहा कि, यह एक स्वीकृत तथ्य है कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज के अनुसार वह गैंगस्टर को पुलिस स्टेशन से अपने निजी कार में अपने आवासीय क्वॉर्टर में ले जाते हुए देखा गया है और उसे पुलिस हिरासत से भागने की अनुमति दी गई थी।कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता का काम पुलिस थाने में विचाराधीन कैदी से पूछताछ करना था, ताकि उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों के पीछे की सच्चाई का पता लगाया जा सके।
याचिकाकर्ता प्रीतपाल सिंह, जो उस समय सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे पर गंभीर आरोप है। उसके खिलाफ मानसा जिले में मामला दर्ज किया गया था।
एक महीने की सजा काट चुका, दी जाए जमानत: वकील
उसके वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता सलाखों के पीछे है और एक साल और एक महीने की अवधि के लिए कारावास काट चुका है इसलिए उसे नियमित जमानत दी जाए।जमानत का विरोध करते हुए, सरकार ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता एक पुलिस अधिकारी था, जिसे पूछताछ के लिए एक विचाराधीन गैंगस्टर की हिरासत सौंपी गई थी, लेकिन याचिकाकर्ता ने उक्त विचाराधीन गैंगस्टर दीपक उर्फ टीनू को भागने में मदद की।
कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता जिसका काम यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी अनधिकृत हथियार का उपयोग न करे या उसे अपने कब्जे में न रखे, वह खुद अपने क्वॉर्टर में अवैध हथियार रखता था, जिसे उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके निशानदेही पर बरामद किया गया।
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