Move to Jagran APP

Punjab: पुलिस के लिए चुनौती बने मध्य प्रदेश के हथियार, जालंधर सहित पंजाब के शहरों में हो रही डिलीवरी

पुलिस ने आरोपितों से पूछताछ की तो उत्तर प्रदेश के बजाय मप्र और राजस्थान के अवैध हथियारों की तस्करी के लिए तस्करों की पहली पसंद बनने की बात उजागर हुई। कई अपराधियों से पूछताछ में सामने आया कि वे खुद मध्य प्रदेश जाकर वहां से हथियार लेकर आए थे। बीते साल सीआईए स्टाफ वन की टीम ने एक किशोर समेत दो आरोपितों को अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था।

By sukrant safari Edited By: Jeet KumarUpdated: Sat, 20 Jan 2024 04:30 AM (IST)
Hero Image
पंजाब में पिछले वर्षों से अवैध हथियारों की तस्करी लगातार बढ़ी
सुक्रांत, जालंधर। पंजाब में पिछले वर्षों से अवैध हथियारों की तस्करी लगातार बढ़ी है। पहले राज्य में उत्तर प्रदेश से अवैध हथियारों की सप्लाई होती थी लेकिन अब मध्य प्रदेश (मप्र) और राजस्थान से अवैध हथियार आने लगे हैं। पिछले एक वर्ष में जालंधर पुलिस ने चार गिरोह ऐसे पकड़े हैं जो मध्य प्रदेश और राजस्थान से हथियार लाए थे। यहां के हथियार उत्तर प्रदेश (उप्र) से सस्ते होने के कारण उनकी मांग बढ़ी है। गोलियां भी वहीं से मंगवाई जा रही हैं।

पुलिस ने आरोपितों से पूछताछ की तो उत्तर प्रदेश के बजाय मप्र और राजस्थान के अवैध हथियारों की तस्करी के लिए तस्करों की पहली पसंद बनने की बात उजागर हुई। कई अपराधियों से पूछताछ में सामने आया कि वे खुद मध्य प्रदेश जाकर वहां से हथियार लेकर आए थे।

अपराधियों ने खुद बताई मप्र से हथियार लाने की बात

बीते साल सीआईए स्टाफ वन की टीम ने एक किशोर समेत दो आरोपितों को अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से पुलिस ने कुल चार अवैध पिस्टल .32 बोर और आठ कारतूस बरामद किए थे। वे शहर में मध्य प्रदेश से अवैध हथियार लाकर सप्लाई करने आए थे। उन्होंने बताया था कि जो हथियार वे लेकर आए हैं, वे पहले से ही आर्डर पर थे। गोली सिक्का भी वहीं से लाए थे। उन्होंने बताया था कि वे पहले उप्र से हथियार लाते थे लेकिन मप्र और राजस्थान से अब हथियार सस्ते और आसानी से उपलब्ध होते हैं तो वे वहीं से ला रहे हैं।

बीते वर्ष मोहाली, रोपड़, खन्ना, लुधियाना, संगरूर और जालंधर कई गिरोहों के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में भी मध्य प्रदेश से अवैध हथियार लाकर सप्लाई करने की बात सामने आई थी। जेल में बंद गैंगस्टर भी मध्य प्रदेश में अवैध हथियारों का ऑर्डर दे रहे हैं और यह बात पकड़े गए तस्करों से पता चली थी। पिछले वर्ष लुधियाना पुलिस ने राजा नाम के एक तस्कर को आठ पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया था। वही भी हथियार मध्य प्रदेश से लाया था।

पुलिस के लिए मप्र के हथियार तस्करों को पकड़ना आसान नहीं

अवैध हथियारों के तस्कर जालंधर पुलिस के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के सीमावर्ती एरिया में लगते जंगलों में अवैध तरीके से कारोबार चला रहे अवैध हथियारों के तस्कर जालंधर के तस्करों को हथियार सप्लाई करते हैं। ऐसे में अब पुलिस गिरफ्तार किए गए नशा तस्करों से उनके बारे में जानकारी तो ले रही है लेकिन वहां पर जाकर उनको पकड़ना आसान नहीं होगा। जालंधर, लुधियाना, बठिंडा में पकड़े गए कई तस्करों के संबंध मध्य प्रदेश के तस्करों के साथ निकले थे और वहां पर भी यही बात सामने आई थी कि हथियारों के तस्करों का जंगलों में साम्राज्य स्थापित है।

जालंधर सहित पंजाब के शहरों में हो रही डिलीवरी

पहले तस्कर या गैंगस्टर खुद या अपने गुर्गों को दूसरे राज्यों में भेज कर कर हथियार मंगवाते थे, लेकिन अब पंजाब के हर शहर में आसानी से हथियार डिलीवर होने लगे हैं। पांच हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक में देसी कट्टा या उससे बड़ा हथियार मिल जाता है। बीते एक साल में हुए लड़ाई झगड़ों की जितनी रिपोर्ट थानों में दर्ज है उनमें से ज्यादातर में अवैध हथियार का इस्तेमाल ही हुआ है। लूटपाट के मामलों में जितने आरोपित पिस्तौल के साथ पकड़े गए हैं, उनके पास भी मप्र या राजस्थान से लाए गए हथियार ही बरामद हुए हैं।

ऑनलाइन पिस्तौल 25 हजार में मंगवाई

बीते दिनों में पुलिस ने एक किशोर को गिरफ्तार किया था। वह रैणक बाजार में कपड़ों की दुकान पर काम करता था। जांच में सामने आया था कि उसने मध्य प्रदेश में अपने एक रिश्तेदार के जरिए इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल कर अवैध पिस्तौल मंगवाए थे। इंटरनेट मीडिया पर उसके रिश्तेदार ने अवैध हथियार दिखाए, उनकी डील की। एक पिस्तौल 25 हजार रुपये देकर मंगवाई और जालंधर में 40 हजार रुपये में बेचा था।

इसी मामले में दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर लाए गए हथियार तस्कर निखिल ने बताया कि हथियार लेकर बेचने वाले इंटरनेट मीडिया पर हथियारों को दिखा खरीदार को पसंद कराते थे। डील होने पर पेमेंट कैश ही होती थी। इस मामले में पुलिस मप्र पुलिस के साथ संपर्क कर जांच को आगे बढ़ा रही है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।