वर्कशाप में खड़े-खड़े़े ही कंडम हो जाएगा रोडवेज बसों का फ्लीट
अगर निकट भविष्य में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध न हो पाया तो पंजाब रोडवेज की बसों का फ्लीट वर्कशाप में खड़े-खड़े ही कंडम हो जाएगा। पंजाब रोडवेज के बेड़े में 587 नई बसें शामिल की जा रही हैं जिनमें से ढाई सौ से ज्यादा बसें रोडवेज को प्राप्त हो गई हैं। नई बसें प्राप्त होने के बाद हालात यह हो गए है कि बसों को चलाने के लिए पर्याप्त स्टाफ ही उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर : अगर निकट भविष्य में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध न हो पाया तो पंजाब रोडवेज की बसों का फ्लीट वर्कशाप में खड़े-खड़े ही कंडम हो जाएगा। पंजाब रोडवेज के बेड़े में 587 नई बसें शामिल की जा रही हैं, जिनमें से ढाई सौ से ज्यादा बसें रोडवेज को प्राप्त हो गई हैं। नई बसें प्राप्त होने के बाद हालात यह हो गए है कि बसों को चलाने के लिए पर्याप्त स्टाफ ही उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पंजाब रोडवेज के डिपो प्रबंधन की तरफ से नई प्राप्त हो रही बसें चलाने को ही अधिमान दिया जा रहा है। ऐसे में डिपो के पास मौजूद पुरानी बसों को बिना स्टाफ के वर्कशाप में ही खड़ा करना पड़ रहा है। पंजाब रोडवेज की तरफ से बसों की फेब्रिकेशन जयपुर में करवाई जा रही है और वहां से प्राप्त होने वाली नई बसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
पंजाब रोडवेज के अधिकारी खुद ही तर्क दे रहे है कि पुरानी बसों के खड़े होने से समस्या विकराल रूप धारण करेगी। जरूरत पड़ने पर खड़ी बसों में से ही कलपुर्जे निकालकर रूट पर भेजी जाने वाली बसों में लगने शुरू हो जाएंगे और बसें सड़कों पर चल पाने के काबिल ही नहीं बचेगी। पंजाब रोडवेज प्रबंधन की तरफ से चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई थी कि नई बसों के लिए आउटसोर्स के आधार पर ड्राइवर-कंडक्टर भर्ती करने दी जाएं, लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से पंजाब रोडवेज को फिलहाल कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई है। मौजूदा समय में पंजाब में पंजाब रोडवेज के 18 के लगभग डिपो है और प्रत्येक डिपो को नई बसें अलाट की जा रही हैं।