130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें, वैगन उठाएगी 100 टन भार
जल्द ही ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से चलेंगी।
मनुपाल शर्मा, जालंधर
रेलवे के फिरोजपुर मंडल के अंतर्गत आते जालंधर-अमृतसर और जालंधर-जम्मू रेलखंड पर आने वाले समय में यात्री ट्रेनों का आवागमन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से संभव हो सकेगा। मौजूदा समय में फिरोजपुर मंडल में ट्रेनों का आवागमन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर हो रहा है। उपरोक्त दोनों रेलखंडों पर कंप्लीट ट्रैक रिन्यूअल (सीटीआर) का काम चालू है, जिसके तहत रेल लाइन के अलावा स्लीपर और ब्लास्ट को बदला जा रहा है। इससे वैगन 100 टन भार उठाने के लिए सक्षम हो जाएगी।
सीटीआर का काम पूरा होने के बाद जहां यात्री ट्रेनों की रफ्तार में लगभग 20 किलोमीटर प्रति घंटे का इजाफा हो जाएगा, वहीं मालगाड़ियों में प्रति वैगन भार ढोने की क्षमता को भी 20 टन तक बढ़ाया जा सकेगा। मौजूदा समय में मालगाड़ियों के एक वैगन में प्रति एक्सल भार ढोने की क्षमता 22 टन है, जिसे बढ़ाकर 25 टन कर दिया जाएगा। मालगाड़ियों के एक वैगन में चार एक्सल होते हैं। सीटीआर के बाद फिरोजपुर मंडल की मालगाड़ियों के एक वैगन में 88 टन के बजाय 100 टन भार ढोने की क्षमता हो जाएगी। सीटीआर की वजह से ही शहर की रेलवे क्रासिग कई दिन तक बंद रखी गई थीं। रेलवे के फिरोजपुर मंडल के एडिशनल डिवीजनल इंजीनियर पुनीत सिंह ने बताया कि जालंधर-ब्यास के मध्य सूरानुस्सी में और ब्यास-अमृतसर रेलखंड में मानावाला के पास सीटीआर का काम चालू है। इसी तरह से जम्मू रेलखंड पर माधोपुर के पास सीटीआर का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जालंधर-लुधियाना रेलखंड की सीटीआर का काम छह महीने पहले ही निपटाया जा चुका है, लेकिन सीटीआर के बाद अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक ट्रैक पर एडिशनल सिग्नल की भी व्यवस्था की जानी है। एडिशनल सिग्नल की व्यवस्था होने तक जालंधर-लुधियाना रेलखंड पर रेलगाड़ियों की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा बढ़ाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सीटीआर और एडिशनल सिग्नल लगाने की व्यवस्था में एक वर्ष से ज्यादा का समय लग सकता है। इस काम के पूरा होते ही यात्री ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी।