जालंधर में पेयजल संकट गहराया, ठेकेदार का नया टेंडर लेने से इनकार; पुराना काम बंद करने की भी दी चेतावनी
जालंधर में पेयजल संकट गहरा सकता है। दरअसल ठेकेदार ने नया टेंडर लेने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं उसने पुराना काम बंद करने की भी चेतावनी दी है। ठेकेदार ने निगम से 3.50 करोड़ लेने हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर: शहर में पेयजल संकट गहराने लगा है। कई महीने से लंबित चल रहे ट्यूबवेलों के नए टेंडर पर अभी तक फैसला नहीं हुआ है। वहीं पुराने टेंडर खत्म होने के बावजूद काम कर रहे ठेकेदार ने अब कार्य बंद करने की चेतावनी दी है। नए ठेके के टेंडर पर फैसले के लिए मेयर जगदीश राजा ने निगम अधिकारियों को वित्त एवं ठेका कमेटी की मीटिंग बुलाने के निर्देश दिए हैं। मीटिंग में 350 से ज्यादा ट्यूबवेल के आपरेशन एंड मेंटेनेंस के टेंडर पर आखिरी निर्णय लिया जाएगा। नगर निगम के लिए अब दोहरी मुश्किल खड़ी हो सकती है।
अगर नए टेंडर को रद कर दिया जाता है तो दोबारा टेंडर लगाने में दो महीने का समय लग सकता है। तब तक पुराने टेंडर के खत्म होने के 8 महीने बाद भी अस्थाई तौर पर काम कर रहा ठेकेदार भी कार्य बंद कर सकता है। ठेकेदार को कई महीनों से भुगतान नहीं हुआ है। ठेकेदार ने निगम से 3.50 करोड़ लेने हैं।
उधर, 350 से ज्यादा ट्यूबवेल को चलाने और रखरखाव का काम अस्थाई तौर पर चलने के कारण कई ट्यूबवेल रिपेयर नहीं हो पा रहे हैं। ट्यूबवेल खराब होने के रोजाना 20 से 25 केस आते हैं। ठेकेदार इनकी रिपेयर करवाता है, लेकिन करीब 10 ट्यूबवेल ऐसे हैं जो बंद हैं या फिर क्षमता से कम काम कर रहे हैं।
बेहद खराब हालत में है कई ट्यूबवेल
जहां ट्यूबवेल पूरी तरह से ठप हो चुके हैं, उससे करीब 40 कालोनियों में पानी की सप्लाई प्रभावित है। इन इलाकों में टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति हो रही है। ठेकेदार सुधीर का कहना है कि वह ट्यूबवेल ठीक करवा रहे हैं, लेकिन जल्द ही काम छोड़ देंगे। कई ट्यूबवेल बेहद खराब हालत में है और उन्हें बदलने की जरूरत है।
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