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जालंधर के एपीजे स्कूल में करवाई गई वर्कशाप, विद्यार्थियों ने सीखा मंडला आर्ट

बच्चों तथा अध्यापकों ने मिलकर बहुत ध्यानपूर्वक मंडला आर्ट के विषय में जाना और उसे कागज पर बनाया भी। ज्योति मदन ने बताया कि मंडला आर्ट आज के समय में इसलिए भी उपयोगी है कि हम इसके माध्यम से अपने तनाव और थकान को कम कर सकते हैं।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Sun, 01 Nov 2020 02:36 PM (IST)
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यह एक प्रकार का चक्र होता है, जोकि एक पवित्र प्रतीक है। इसका कई धर्मों में प्रयोग होता है।

जालंधर, जेएनएन। एपीजे स्कूल माडल टाउन में चौथी से छठी कक्षा के विद्यार्थियों में आर्ट वर्कशाप आयोजित की गई। यह वर्कशाप ज्योति की तरफ से आयोजित की गई थी, जिसमें विद्यार्थियों को मंडला आर्ट संबंधी जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि मंडला शब्द संस्कृत भाषा से उत्पन्न हुआ है। यह एक प्रकार का चक्र होता है, जोकि एक पवित्र प्रतीक है। इसका कई धर्मों में प्रयोग होता है। 

इसका उपयोग प्रार्थना, ध्यान और आमतौर पर कला चिकित्सा के लिए किया जाता है। बच्चों तथा अध्यापकों ने मिलकर बहुत ध्यानपूर्वक मंडला आर्ट के विषय में जाना और उसे कागज पर बनाया भी। ज्योति मदन ने बताया कि मंडला आर्ट आज के समय में इसलिए भी उपयोगी है कि हम इसके माध्यम से अपने तनाव और थकान को कम कर सकते हैं।

प्रिंसिपल सीनिया साजिद और मुख्याध्यापिका नम्रता शर्मा ने कहा कि इस प्रकार की रचनात्मक गतिविधियां विद्यार्थियों में थकान और तनाव को कम करती हैं। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यह मंडला आर्ट संबंधी वर्कशाप आयोजित की गई, जिससे विद्यार्थियों को आर्ट की कक्षा में एक नया चैप्टर जोड़ा जा सके। इसमें विद्यार्थियों की तरफ से पहले वर्कशाप में हाजरी लगाई और बाद में उसी आर्ट को अपने कैनवास पर उकेरा।

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