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World Cancer Day 2021ः जालंधर में सरकारी स्कूल की शिक्षक अर्चना ने हिम्मत से कैंसर को हराया, दूसरों का बनीं सहारा

World Cancer Day 2021ः जालंधर में सरकारी स्कूल बस्ती शेख की शिक्षक अर्चना नैय्यर ने कैंसर को मात देकर उन मरीजों के लिए उदाहरण पेश किया है जो कैंसर से जंग लड़ रहे हैं। अब यह दूसरों का सहारा बनकर कैंसर के खिलाफ जागरूक कर रही हैं।

By Vinay kumarEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 06:32 AM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 02:43 PM (IST)
World Cancer Day 2021ः कैंसर को हराने वाली जालंधर में सरकार स्कूल की शिक्षका अर्चना नैय्यर।

जालंधर [जगदीश कुमार]। World Cancer Day 2021ः  'हिम्मत-ए-मर्दा, मदद-ए-खुदा' यह लाइन कैंसर से जंग लड़ कर जीत हासिल करने वाले मरीजों पर सटीक बैठती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है सरकारी स्कूल बस्ती शेख की शिक्षक अर्चना नैय्यर ने। उन्होंने कैंसर को मात देकर उन मरीजों के लिए उदाहरण पेश किया है, जो कैंसर से जंग लड़ रहे हैं। अब यह दूसरों का सहारा बनकर कैंसर के खिलाफ जागरूक कर रही हैं।

अर्चना नैय्यर कहती हैं कि सितंबर 2013 मुझे जिंदगी भर नहीं भूलेगा। तब सरकारी स्कूल हजारा में पढ़ाती थी। क्लास में एक दिन एक लड़की ने बताया कि उसकी मां को कैंसर हो गया है। उसने लक्षण भी बताए। इसके कुछ दिनों बाद उनमें भी वैसे ही लक्षण दिखने लगे। दो बड़े अस्पतालों में दिखाया तो डाक्टरों ने स्तन में रसौली होने की बात कही। घर के सभी सदस्यों को सच्चाई पता थी, लेकिन वो मेरे सामने जाहिर नहीं कर रहे थे। उस समय में मेरा बेटा तीसरी और बेटी बारहवीं क्लास में पढ़ती थी। पति दूरदर्शन में तैनात हैं। एक दिन मैंने हिम्मत जुटाई और घर में बिना किसी को बताए एक लैब में जांच करवाने के लिए पहुंची। वहां से सैंपल की रिपोर्ट मिली तो पैरों तले से जमीन निकल गई। एक बार सोचा यह क्या हो गया मेरे साथ।

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रिपोर्ट मैंने अपने परिवार वालों को दिखाई तो सभी की आंखों में आंसू थे। मैंने हिम्मत नहीं हारी और पाजिटिव सोच के साथ भार्गव एडवांस कैंसर अस्पताल के एमडी डा. रुपिंदर भार्गव से संपर्क किया। उन्होंने स्तन कैंसर होने की पुष्टि की और आपरेशन से इसके बिल्कुल ठीक होने की बात कही। अगले ही सप्ताह आपरेशन करवाने के लिए अस्पताल पहुंच गई। आपरेशन कामयाब रहा। इसके बाद दो साल तक इलाज चला। अब बिल्कुल ठीक हूं। उन्होंने कहा कि पिछले छह साल से अपने परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी जी रही हूं। इसके अलावा लोगों को कैंसर के खिलाफ जागरूक कर रही हूं। वह शुरुआती दौर में ही लक्षणों के आधार पर जांच कर इलाज की सलाह देती हैं।

स्टेज के अनुसार तय की जाती है इलाज की विधि
भार्गव एडवांस कैंसर अस्पताल के एमडी डा. रुपिंदर भार्गव कहते हैं कि कैंसर होने पर गहन जांच पड़ताल के बाद इसकी स्टेज के अनुसार इलाज की विधि तय की जाती है। पहले दवाइयों से और उसके बाद रेडिएशन, आपरेशन व कीमोथेरेपी से कैंसर का इलाज संभव है।

यह बिल्कुल न करें
- ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बना रहे हैं जो पैपिलॉमा वायरस से प्रभावित हैं तो आप भी इसकी चपेट में आ सकते हैं, क्योंकि यह वायरस फैलने वाला होता है।
- गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल लंबे समय तक न करें। इससे औरतों में स्तन कैंसर या लीवर कैंसर होने का खतरा रहता है।
- अपने वजन को संतुलित रखें। मोटापे से स्तन कैंसर और मलाशय कैंसर का डर बना रहता है।
- सबसे महत्वपूर्ण बात कि अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखें। ज्यादा भावुक होना भी कैंसर को न्यौता देना है।


ऐसा जरूर करें
- ज्यादा से ज्यादा पत्तेदार सब्जियां, चना और फल खाएं। सब्जियों और फलों में फाइबर होता है, जो रोगों से लडऩे की क्षमता रखता है।
- चीनी का सेवन कम से कम करें। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि महिलाओं में कोलोरेक्टल कैंसर की संभावना चीनी के सेवन से काफी बढ़ जाती है।
- आलिव आयल या फिर कोकोनट आयल का इस्तेमाल भोजन पकाने में करें।
- भरपूर नींद लें। 8-10 घंटे सोना ठीक माना जाता है।
- किसी प्रकार के नशे का सेवन न करें।
- शारीरिक काम करते रहें। खुद को व्यस्त रखें। रोजाना व्यायाम करें
- नमक का सेवन संतुलित संतुलित मात्रा में करें। ज्यादा नमक खाने से पेट का कैंसर हो सकता है।

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