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SGPC कमेटी की पूर्व प्रधान जागीर कौर अकाल तख्त साहिब में तलब किए जाने से आहत, कहा- पत्र ने 25 साल पुराने जख्म को कुरेद दिया

Punjab Latest News एसजीपीसी कमेटी के पूर्व प्रधान जागीर कौर (Jagir Kaur) को अकाल तख्त साहिब (Akal Takht Sahib) पर तलब किया गया है। इसे लेकर पूर्व प्रधान ने कहा कि इस पत्र ने उनके 25 साल पुराने जख्म को कुरेद दिया है। उन्होंने कहा कि जबरगाड़ी कत्ल कांड जैसे बेहद बड़े पंथक मुद्दों की तुलना निजी आरोपों से करना हास्यस्पद है

By harnek Singh Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 05 Oct 2024 02:09 AM (IST)
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SGPC कमेटी की पूर्व प्रधान जागीर कौर अकाल तख्त साहिब में तलब किए जाने से आहत
हरनेक सिंह जैनपुरी,  कपूरथला। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह द्वारा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूर्व प्रधान जागीर कौर को अकाल तख्त साहिब पर तलब करने की घटना ने उन्हें बुरी तरह आहत कर दिया है।

जागीर का कहना है कि जत्थेदार के पत्र ने उनके 25 साल पुराने जख्म को एक बार फिर से कुरेद कर ताजा कर दिया है। गुरु ग्रथ साहिब की बेअदबी, राम रहीम को अकाल तख्त से माफी देना, सुमेध सैणी का मामला एवं बरगाड़ी कत्ल कांड जैसे बेहद बड़े पंथक मुद्दों की तुलना निजी आरोपों से करने का कदम बहुत ही हास्यासपद है।

क्य बोले जागीर कौर

करीब 25 साल पहले जागीर कौर ने अपनी बड़ी बेटी हरप्रीत कौर को सदा के लिए खो दिया। फिर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की प्रधानगी छोड़ी और सीबीआइ अदालत द्वारा पांच साल की सजा सुनाए जाने पर कैबनिट मंत्री पद से त्यागपत्र देकर अपना सियासी भविष्य दाव पर लगाने को मजबूर होने वाली जागीर कौर ने दैनिक जागरण को बताया कि वह बहुत ही मुशकिल वक्त था जिसे परमात्मा के भरोसे काटा जा सका।

मुझे गुरु पर विश्वास था। मेरे अंदर कोई पाप नही था, ना कोई हमारी गलती थी। हमें तो सियासी तौर पर फसाया गया था। वर्ष 2018 में अदालत की तरफ से बाइज्जत बरी करने पर उसका परमात्मा और कानून विशवास और बढ़ गया। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से तलब करने के सवाल पर जागीर कौर ने कहा कि ज्ञानी पूर्ण सिंह के साथ छिड़े विवाद के समय वह पंथक रिवायतों के साथ खड़ी रही।

गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्स पर मूल मंत्र से छेड़ छाड़ एवं सिख सिद्धातों को ढाह लगाने की कोशिश का डट कर विरोध किया। वह चार बार एसजीपीसी की प्रधान रहीं।

अब किसी के राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए उन्हें निजी कारणों से अकाल तख्त पर तलब करने की घटना ने एक बार फिर से पंथक मर्यादाओं व सिखी सिद्धातों को तार-तार करने की कोशिश की है। जत्थेदार साहिब के पत्र ने एक बार फिर उनके पुराने जख्म को ताजा करने का काम किया है।

'झूठे आरोप लगाकर जिंदगी न करें तबाह'

उन्होंने कहा कि वह इस पीड़ा को बयान नहीं कर सकती। परमात्मा के घर देर हो सकती अंधेर नहीं। जागीर कौर ने कहा कि वह समझती हूं कि हमारे सियासी लोगों को सोचना चाहिए कि किसी की जिंदगी को ऐसे ही झूठे व घटिया आरोप लगा कर तबाह ना करे।

हम वैचारिक मतभेदों का राजनीतिक तौर पर मुकाबला करें और लोगों के साथ सियासी तौर पर विचार कर आगे बढ़ने की कोशिश करे ना कि घटिया हथकंडे अपना कर राजनीति चमकाने की कोशिश करनी चाहिए।

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