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Punjab: कपूरथला जेल बनी कैदियों की आरामगाह... पिछले एक माह में 50 मोबाइल जब्त, सलाखों के पीछे से चल रहे ड्रग-किडनैपिंग गैंग

पंजाब की सबसे बड़ी कपूरथला जेल पूरी तरह से मॉडर्न होने के बावजूद भारी भरकम सुरक्षा दस्ता 24 घंटे कैदियों पर पैनी निगाह रखता है लेकिन इस जेल में कैदी सारी सुख सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं। ड्रग्स से लेकर हथियार तक सब कुछ जेल के भीतर आसानी से उपलब्ध हो जाता है। जेल में कैदियों के पास मोबाइल फोन तक उपलब्ध हैं।

By harnek Singh Edited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sun, 31 Dec 2023 11:00 PM (IST)
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कपूरथला जिले की मार्डन जेल का ये है बाहरी दृश्य
नरेश कद, कपूरथला। Kapurthala Jail Security Breach: कहने को तो पंजाब की सबसे बड़ी जेल कपूरथला पूरी तरह से मॉडर्न है। भारी भरकम सुरक्षा दस्ता 24 घंटे कैदियों पर पैनी निगाह रखता है, लेकिन इस जेल में कैदी सारी सुख सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं।

ड्रग्स से लेकर हथियार तक सब कुछ जेल के भीतर आसानी से उपलब्ध हो जाता है। बाहर किसी को धमकाने के लिए या फिर नशे का नेटवर्क चलाने के लिए जेल में मोबाइल फोन तक उपलब्ध हैं।

जैमर के बाद भी कैदी कर रहे मोबाइल को इस्तेमाल

जेल में 13 जैमर भी लगे हुए हैं, लेकिन फिर भी जेल में तलाशी के दौरान कैदियों से मोबाइल फोन मिल रहे हैं। पिछले एक महीने के दौरान कैदियों से जेल में 50 के करीब मोबाइल फोन बरामद हो चुके हैं।

हैरानीजनक बात ये है कि जेल में जैमर लगे होने के बाद भी कैदी मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में अब तो जैमरों पर भी सवाल उठने लगे हैं कि यह चलते भी हैं या फिर कैदियों की सुविधा के लिए बंद रखे हुए हैं।

अराजक तत्वों की सुरक्षित आरामगाह

गैंगस्टरों के लिए तो जेल पूरी तरह से सुरक्षित आरामगाह है। यह लोग जेल के भीतर से ही फिरौती गिरोह चलाते हैं। किसी की हत्या के लिए सुपारी ले रहे हैं। जेल में बैठे-बैठे ही नशे का नेटवर्क चला रहे हैं।

जेल स्टाफ में ही हैं काली भेड़ें

जेल में नशा, तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी या अन्य सामग्री कैदियों के पास आम मिल जाते हैं। बड़ा सवाल यह है कि इतना सारा सामान कैदियों के पास पहुंच कहां से रहा है।

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जेल स्टाफ के अलावा कैदियों के सेल तक और कोई व्यक्ति पहुंच नहीं सकता, इसलिए जाहिर सी बात है कि काली भेड़ें इनमें ही शामिल हैं। जेल स्टाफ के लोग ही कैदियों तक यह सारी सुविधाएं पहुंचाकर फीस वसूल कर रहे हैं।

आज तक नहीं हुई कोई ठोस कार्रवाई

आज तक जेल में मोबाइल फोन मिलने या फिर नशीले पदार्थ मिलने पर जितनी भी कार्रवाई हुई हैं, वह सारी की सारी कैदियों के खिलाफ ही हुई हैं कि उनसे जेल में नशा बरामद हुआ है या फिर मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।

लेकिन उन लोगों के खिलाफ आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जो लोग यह सुविधाएं मोटी रकम वसूल कर कैदियों को उपलब्ध करवा रहे हैं। किसी ने कैदियों से यह नहीं पूछा कि उनके पास मोबाइल कहां से आए।

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