Punjab News: पेड़ से टकराई कार, महिला की मौत; कुत्ता के सामने आने से बिगड़ा संतुलन
Punjab News कुत्ता के सामने आने से पेड़ का संतुलन बिगड़ गया। जिससे कार पेड़ से जा टकराई। हादसे में दो महिला की मौत हो गई। हादसे में दो लोग घालल हो गए। घायल युवक को ज्यादा चोटें लगने से उसे प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया गया। अन्य घायल महिला का इलाज सिविल अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।
गोपाल कृष्ण, कपूरथला। सुल्तानपुर लोधी मार्ग पर गांव भाणोलंगा के नजदीक सोमवार को बाद दोपहर आवारा कुत्ता को बचाने के चक्कर में स्विफ्ट कार असंतुलित होकर पेड़ से जा टकराई। हादसे में कार सवार दो महिलाओं सहित तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां पर डॉक्टर ने एक महिला को मृत घोषित कर दिया गया।
हादसे में घायल युवक को ज्यादा चोटें लगने से उसे प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया गया। वहीं, एक अन्य घायल महिला का इलाज सिविल अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। मृतक महिला की पहचान संदीप कौर पत्नी जगतार सिंह के निवासी गांव सैदोवाल तथा घायलों की पहचान परमजीत कौर पत्नी प्रीतम सिंह निवासी गांव सैदोवाल निवासी के रूप में हुई है।
पेड़ से जा टकराई कार
सिविल अस्पताल में उपचाराधीन घायल के स्वजनों ने बताया कि कार सवार लोहिया खास से रिश्तेदारों को मिलकर गांव सैदोवाल आ रहे थे। जब वह गांव भाणोलंगा के पास पहुंचे तो कार के आगे अवारा कुत्ता आ गया। कुत्ते को बचाने के चक्कर में कार असंतुलित होकर सड़क के किनारे लगे पेड़ से जा टकराई जिससे हादसा हो गया।सिविल अस्पताल में वेंटीलेटर की सुविधा नहीं
जिले में पिछले दो महीने में 32 सड़क हादसे हुए हैं जिनमें कई लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके है। हादसों का सबसे बड़ा कारण टूटी सड़कें हैं। दूसरा बड़ा कारण तेज रफ्तार में वाहन चलाना तथा ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करना है।
हादसों में हो रही मौत का एक अन्य कारण कपूरथला सिविल अस्पताल में वेंटीलेटर और ट्रामा सेंटर की सुविधा न होना है। कपूरथला में सरकारी हो या प्राइवेट अस्पताल, किसी में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है। अधिकतर मरीज सांस न मिलने से चल बसते हैं।
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सिविल अस्पताल में वेंटीलेटर, सीटी स्केन जैसी सुविधाओं की कमी के कारण ही गंभीर मरीजों को उपचार के लिए रेफर कर दिया जाता है। अधिकतर निजी अस्पताल पहुंचे से पहले रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। रेफर होने के बाद मरीज को परिजन कहां लेकर जाए इस बात की समस्या मरीज की मौत का कारण बन रही है।कारण यह है कि मरीज रेफर होने में जालंधर 15 से 20 किलोमीटर की दूरी होने को पहल देता है। ज्यादातर मरीज को अमृतसर या चंडीगढ़ रेफर किया जाता है। बहुत कम मरीज होते हैं जो प्राइवेट को पहल देते हैं।
अमृतसर गुरु नानक अस्पताल में यह सुविधा है लेकिन अमृतसर कपूरथला से 60 से 70 किलोमीटर दूरी पर होने से ज्यादातर परिजन अपने मरीज को लेकर जाने में डरते है। सडकें भी टूटी हैं। ऐसे में ज्यादातर मरीज रास्ते में ही दम तोड़ जाते हैं।ट्रामा सेंटर की सुविधा अमृतसर गुरु अस्पताल, पीजीआइ चंडीगढ़, फरीदकोट व पिम्स आदि में है। ट्रामा सेंटर में वेंटीलेटर, सीटी स्केन, आप्रेशन, सर्जरी, एक्स-रे और अन्य इमरजेंसी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। कपूरथला जिले में वेंटिलेटर की सुविधा सरकारी व प्राइवेट दोनों में नहीं है।
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